बिजनेस करने में सरकार करेगी हेल्प, किस स्कीम से मिलेगा पैसा?

 बिजनेस करने में सरकार करेगी हेल्प, किस स्कीम से मिलेगा पैसा? यहां जानिए
सरकार चाहती है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई का योगदान 29% से बढ़कर 2024 तक 50% तक पहुंच जाए, जिससे 15 करोड़ भारतीयों को रोजगार मिल सके.

हर इंसान का सपना होता है कि वो कभी न कभी अपना खुद का बिजनेस करें, लेकिन पैसे और संसाधनों की कमी के कारण अक्सर ये ख्याल महज ख्याल मात्र ही रह जाता है. भारत में इस समस्या के हल के तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से कई ऐसी योजनाएं चलाई जा रही है जो कारोबार करने वालों की मदद करती है. इस रिपोर्ट में विस्तार से उन प्रमुख सरकारी मददों पर चर्चा करेंगे जो आपको अपने कारोबार की शुरुआत में सहारा दे सकती हैं.

जब सूक्ष्म, लघु-मध्यम उद्यमों (MSMEs) और स्टार्टअप्स की बात आती है, तो भारत सरकार बहुत स्पष्ट है. सरकार चाहती है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई का योगदान 29% से बढ़कर 2024 तक 50% तक पहुंच जाए, जिससे 15 करोड़ भारतीयों को रोजगार मिल सके. यही वजह है कि अपना कारोबार शुरू करने के लिए कई सरकारी योजनाएं शुरू की गई हैं. 

 1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

प्रधान मंत्री मुद्रा योजना, जिसे पीएम मोदी ने शुरू किया, भारतीय उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए एक अनोखी पहल है. इस योजना के तहत, माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) बैंक और विभिन्न वित्तीय संस्थान कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सरलता से व्यवसायिक लोन उपलब्ध कराना है.

मुद्रा योजना के अंतर्गत, उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का बिज़नेस लोन लेने का अवसर मिलता है. इस योजना में व्यवसायों की तीन श्रेणियां निर्धारित की गई हैं, जो ऋण प्राप्त करने के योग्य हैं:

  • शिशु: यह श्रेणी नए व्यवसायों के लिए है, जिसमें 50,000 रुपये तक का ऋण मिल सकता है.
  • किशोर: इस श्रेणी में मध्यम आयु वर्ग के व्यवसाय आते हैं, जिनके लिए 5 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध है.
  • तरुण: यह श्रेणी मौजूदा और अनुभवी व्यवसायों के लिए है, जिसमें 10 लाख रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है.

2. सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTSME)

क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) भारत के MSME मंत्रालय द्वारा स्थापित की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जो स्टार्टअप्स के लिए ऋण प्राप्त करने में मदद करती है. इस सरकारी पहल के तहत योग्य स्टार्टअप और MSMEs को 1 करोड़ रुपये तक का गारंटी-मुक्त ऋण दिया जाता है. यह ऋण CGTMSE ट्रस्ट के माध्यम से वितरित किया जाता है, जो उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसान बनाता है. 

बिजनेस करने में सरकार करेगी हेल्प, किस स्कीम से मिलेगा पैसा? यहां जानिए

3. प्रमाणन योजना

ZED या जीरो डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट मिशन का उद्देश्य नई और मौजूदा निर्माण इकाइयों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. यह योजना निर्माताओं को शून्य दोष वाले उत्पादों के निर्माण की दिशा में प्रेरित करती है.

इस पहल के तहत, निर्माताओं को विश्वस्तरीय निर्माण प्रक्रियाओं को अपनाने में सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे नए तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें. इसके अलावा, इस योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता, तकनीकी सहायता, और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं, ताकि उत्पादों में शून्य दोष सुनिश्चित किया जा सके. इस तरह, प्रमाणन योजना निर्माताओं को बेहतर गुणवत्ता और दक्षता हासिल करने में मदद करती है.

4. टेक्नोलॉजी उन्नयन के लिए क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी (CLCSS)

सरकार यह समझती है कि तकनीक भारतीय स्टार्टअप और MSMEs की वैश्विक पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसी उद्देश्य से, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी फॉर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन (CLCSS) योजना की शुरुआत की गई है.

इस योजना के तहत, MSMEs को उनकी तकनीक को हाइटेक करने और कारोबार के लिए आधुनिक तकनीकी प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. CLCSS के माध्यम से, सरकार भारत के स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेनेशन के लिए 1 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 15% की सब्सिडी उपलब्ध कराती है. इस प्रकार, यह योजना उद्यमियों को नई तकनीक अपनाने में मदद करके उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने का काम करती है.

5. एमएसएमई के लिए डिज़ाइन क्लिनिक

डिज़ाइन और इनोवेशन किसी भी बिजनेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और सभी स्टार्टअप और MSME को अपने व्यवसाय के लिए डिज़ाइन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. छोटे व्यवसायों को नए उत्पाद डिज़ाइन करने और प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, MSME मंत्रालय ने डिज़ाइन क्लिनिक की स्थापना की है.

इस सरकारी योजना के तहत, सरकार डिज़ाइन सेमिनार में भाग लेने के लिए 60,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, साथ ही सेमिनार की कुल लागत का 75% तक कवर करती है. यह सेमिनार उद्यमियों और उनकी टीमों को डिज़ाइन सिद्धांतों को समझने और उन्हें लागू करने का अवसर देता है.

इस कार्यक्रम के माध्यम से, उद्यमी अन्य डिज़ाइनरों के साथ मिलकर नवीनतम रुझानों और प्रथाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और डिज़ाइन से जुड़ी बारीकियों को सीख सकते हैं. एमएसएमई, नए व्यवसाय, स्टार्टअप, और एजेंसियां इस डिज़ाइन क्लिनिक के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं, जिससे वे नवाचार के नए द्वार खोल सकें.

6. स्टार्टअप इंडिया योजना

स्टार्टअप इंडिया योजना का उद्देश्य नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना के तहत, सरकार स्टार्टअप्स के लिए पहले तीन वर्षों के लिए कर में छूट और प्रोजेक्ट के लिए आर्थिक सहायता के रूप में 10,000 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराई जाती है. इस अलावा इस याजना के तहत इनक्यूबेटर और एक्सेलरेटर के माध्यम से स्टार्टअप्स को मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है.

बिजनेस करने में सरकार करेगी हेल्प, किस स्कीम से मिलेगा पैसा? यहां जानिए

7. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP)

यह योजना छोटे और मध्यम उद्यमों को स्थापित करने के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करती है. इस योजना के तहत, विभिन्न व्यवसायों के लिए 25 लाख तक का ऋण उपलब्ध होता है. यह विशेष रूप से उन युवा उद्यमियों के लिए है, जो बिना किसी बड़ी पूंजी के अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं. 

8. मेक इन इंडिया

“मेक इन इंडिया” कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना है. इस पहल के तहत, कारोबार शुरू करने वाले उद्यमियों को कई प्रकार की मदद मिलती है. इस कार्यक्रम से उद्यमियों को वित्तीय सहायता मिलती है, क्योंकि विभिन्न वित्तीय संस्थाएं उन्हें सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करती हैं. यह पूंजी जुटाने में सहायक होता है, जिससे वे अपने व्यापार को आसानी से स्थापित कर सकते हैं. इसके अलावा, सरकार अलग-अलग सरकारी परियोजनाओं में टेंडर जारी करती है, जिससे नए उद्यमियों को अपने उत्पादों के लिए बाजार में जगह मिलती है.

प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी इसी पहल का हिस्सा हैं, जहां कारोबार करने वालों और उनके कर्मचारियों को जरूरी कौशल सिखाया जाता है. इससे वे अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकते हैं. बुनियादी ढांचे के विकास में औद्योगिक पार्कों और क्लस्टर्स का निर्माण किया जा रहा है, जो उद्यमियों को सुविधाजनक स्थान और संसाधन प्रदान करते हैं.

9. उद्यमी विकास कार्यक्रम (EDP)

उद्यमी विकास कार्यक्रम के तहत, छोटे उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाता है. इसके अलावा उत्पादों के मार्केटिंग के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है.

10. डिजिटल इंडिया और ई-कॉमर्स

सरकार ने डिजिटल इंडिया पहल के तहत छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है. इसके तहत फ्री या सब्सिडी के साथ वेबसाइट बनाने की सुविधाएं दी जाती है साथ ही अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचने के लिए मदद की जाती है. 

बिजनेस करने में सरकार करेगी हेल्प, किस स्कीम से मिलेगा पैसा? यहां जानिए

11. अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमिता

सरकार ने अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं. इन्हें कारोबार शुरू करने के लिए विशेष सब्सिडी और कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है.साथ ही उद्यमिता के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दी जाती है.

सरकार की विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम नए व्यवसायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. ये न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी देते हैं. अगर आप एक उद्यमी बनने का सपना देख रहे हैं, तो इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना न भूलें. सही जानकारी और सही योजना के साथ, आप अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक स्थापित कर सकते हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं. किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए सही समय पर आवेदन करना और सभी नियमों का पालन बेहद जरूरी  है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *