कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो रही है। पुरुषों में बढ़ते प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि भारत में 50 साल से कम उम्र के पुरुषों में भी प्रोस्टेट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। हर साल इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है। लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी के कारण इस कैंसर का जोखिम और भी बढ़ गया है।
विशेषज्ञों ने कहा कि यदि इस बीमारी की पहचान जल्दी हो जाए तो इसका प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर के मामले अक्सर धीमी गति से बढ़ते हैं, ऐसे में इसका पता ही तब चल पाता है जब कैंसर काफी बढ़ चुका होता है।
दुनियाभर में पुरुषों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सितंबर को प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय पुरुषों में बढ़ रहा है खतरा
प्रोस्टेट ग्रंथि में विकसित होने वाला ये कैंसर आमतौर पर वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कम उम्र के लोगों में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। भारत में युवा पुरुषों में भी इसके मामले आक्रामक रूप से बढ़ रहे हैं। 50 वर्ष से कम उम्र वर्ग में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में काफी वृद्धि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में करीब 37,948 भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान की गई। यह इस वर्ष देश में दर्ज किए गए कैंसर के 14 लाख नए मामलों का लगभग तीन प्रतिशत है।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
दिल्ली स्थित एक अस्पताल में ‘मेडिकल ऑन्कोलॉजी’ विभाग के प्रमुख डॉ. आशीष गुप्ता ने भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ते मामलों को लेकर कहा, प्रारंभिक अवस्था में पता लगने से कैंसर रोगियों के जीवित रहने की दर में वृद्धि हो सकती है। भारत में सबसे बड़ी समस्या है इसका देर से पता लगना।’
अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 80 प्रतिशत रोगियों में बीमारी का पता शीघ्र चल जाता है जबकि यहां देर से निदान के मामले 20 प्रतिशत ही हैं। भारत में इस दिशा में विशेष सुधार की जरूरत है।
प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानिए
प्रोस्टेट कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं के तेजी से बढ़ने के कारण होता है, ये पुरुष प्रजनन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण ग्रंथि है। यह पुरुषों में सबसे आम कैंसर है और संयुक्त राज्य अमेरिका में कैंसर से होने वाली मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है।
डीएनए में कुछ परिवर्तन को इस कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। जिन लोगों के परिवार में पहले किसी को ये समस्या रही है उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने का जोखिम अधिक देखा जाता है। लाइफस्टाइल में गड़बड़ी और मोटापा भी इसका एक जोखिम कारक हो सकती है। डॉक्टरों की सबसे बड़ी चिंता इस कैंसर का समय रहते निदान न हो पाना रही है।
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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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