छात्रों की पहुंच में नशा, जिम्मेदार सिर्फ पत्राचार कर रहे !
छात्रों की पहुंच में नशा, जिम्मेदार सिर्फ पत्राचार कर रहे
शिक्षण संस्थानों के पास खुले आम नशे की सामग्री बिक रही है। लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हो रही है। जिम्मेदार केवल पत्र लिखकर औपचारिकता पूरी कर रहे हैा किशोर न्याय बोर्ड एक्ट की धारा 77 और 78 में स्पष्ट लिखा है कि स्कूल-कालेज या किसी अन्य शैक्षणिक संस्था, सरकारी और निजी कार्यालय के आसपास शराब, नशीली दवाइओं, तंबाकू उत्पादों की बिक्री करना वर्जित है।
- नक्कारखाना बना सिस्टम, कानून समेत हर आवाज गुम
- कानून को कर दिया दरकिनार, फल-फूल रहा शराब-सिगरेट का व्यापार
- शिक्षण संस्थानों के पास दुकानों पर मिल रहा गुटखा, तंबाकू व शराब
ग्वालियर: शहर के शैक्षिणक संस्थानों के आसपास अब नशे का कारोबार फलफूल रहा है। यहां मादक पदार्थों की बिक्री इस कदर बढ़ गई है कानून को भी दरकिनार कर दिया है। शराब और तंबाकू उत्पादों के विक्रेता न्यायालय के आदेशों को नकार कर अब सिर्फ पैसे कमाने और युवाओं को बर्बाद करने में जुटे हैं।
शहर के प्रतिष्ठित कालेज और स्कूलों के पास पान बीड़ी और गुटखे की टपरियों से लेकर शराब के ठेके तक बड़ी आसानी से दिख जाते हैं। आलम अब यह है कि शैक्षणिक संस्थानों के पास धूम्रपान के अड्डे बन चुके हैं। कालेज और स्कूल के प्राचार्यों ने कई बार प्रशासन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन का सिस्टम नक्कारखाना जैसा हो गया है, जिसमें कानून समेत हर आवाज गुम हो रही है।
किशोर न्याय बोर्ड एक्ट की धारा 77 और 78 में स्पष्ट लिखा है कि स्कूल-कालेज या किसी अन्य शैक्षणिक संस्था, सरकारी और निजी कार्यालय के आसपास शराब, नशीली दवाइओं, तंबाकू उत्पादों की बिक्री करना वर्जित है और ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो सकती है। सात साल तक की सजा और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान है।
लाइव:
- स्पाट : जीवाजी विश्वविद्यालय
स्थिति : गोविंद पुरी गेट के पास परिसर की बाउंडरी से सटा सिगरेट का टपरा मिला।
कुलसचिव का तर्क : परिसर के पास इस प्रकार का माहौल चिंता जनक है, प्रशासन से पत्राचार कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। (कुलसचिव: अरुण चौहान)
- स्पाट : साइंस कालेज।
स्थिति :कालेज के परिसर से सटा हुआ एक शराब का ठेका मिला।
प्राचार्य का तर्क : पहले भी पत्र लिखा है, अभी बीते दिनों भी प्रशासन को पत्र दिया है। कोई सुनवाई नहीं होती। (प्राचार्य: बीपीएस जादौन)
- स्पाट: पद्मा कन्या विद्यालय, कंपू।
स्थिति: पान बीड़ी का ठेला स्कूल के गेट के पास लगा मिला।
प्राचार्य का तर्क : प्रशासन को इस संबंध में पहले भी अवगत करवाया है। दशहरे के बाद फिर पत्र लिख कर समाधान मांगेगे। (प्राचार्य : रविंद्र शर्मा)।
- स्पाट : केआरजी कालेज, कंपू।
स्थिति : कालेज के प्रवेश द्वार से दस फीट दूर ही पान बीड़ी का टपरा मिला।
प्राचार्य का तर्क: स्थिति बेहद चिंतनीय है। इस समस्या को लेकर प्रशासन को पत्र लिखेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। (प्राचार्य: जयश्री चौहान)।