आतंकियों की राह पर चलने लगे दिल्ली व देश के गैंगस्टर ?
गैंगस्टर्स का काला चिट्ठा: आतंकियों की राह पर चलने लगे दिल्ली व देश के गैंगस्टर, वारदात में अपना रहे ऐसा तरीका
दिल्ली समेत पूरे देश के गैंगस्टर अब आतंकियों की राह पर चलकर वारदात अंजाम देने लगे हैं। गैंगस्टरों ने न केवल वारदात का नया तरीका अपनाया है, बल्कि देश के बाहर भी लिंक बना रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गोल्डी बराड़ व अनमोल बिश्नोई इसके उदाहरण हैं।

गैंगस्टर वारदात करते हैं तो ये उनकी चेन तोड़ देते हैं, ताकि पुलिस उन तक न पहुंच पाए। आखिर तक ये पता नहीं चलता कि किसने किसकी हत्या करवाई और कौन सा गिरोह शामिल है। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में जिम मालिक नादिर शाह व मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्याएं यही तरीका अपनाकर की गई हैं। गैंगस्टर हत्या करने वाले शूटर को ये नहीं बताते कि किस की हत्या करनी है। ये इसलिए नहीं बताया जाता कि कहीं शूटर हत्या करने से मना न कर दे।
वर्ष 2016 में हरियाणा पुलिस की हिरासत से भागने के बाद जितेंद्र उर्फ गोगी अपने सबसे भरोसेमंद गुर्गों कुलदीप उर्फ फज्जा और रोहित उर्फ मोई के साथ 2020 में स्पेशल सेल की ओर से गिरफ्तार किए जाने से पहले दिनदहाड़े गोलीबारी की कई वारदात कर चुका था। मार्च 2021 में पुलिस की हिरासत से भागने वाले फज्जा को स्पेशल सेल ने मार गिराया। जितेंद्र की टिल्लू ताजपुरिया गिरोह के शूटरों ने रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी थी।
स्पेशल सेल के अनुसार दिल्ली समेत देश के गैंगस्टर अब जबरन उगाही की ज्यादा वारदात करने लगे हैं। उगाही के लिए इंटरनेट के जरिये कॉल कोई और करता है, धमकाने कोई और जाता है। उगाही नहीं देने पर हत्या कोई और करता है। दिल्ली में हाल ही में रंगदारी न देने पर हुई फायरिंग की तीन वारदातें इसका उदाहरण हैं।
नीरज सहरावत उर्फ नीतू उर्फ बवानिया (तिहाड़ में बंद) और बंबीहा गिरोह (पंजाब) गठजोड़
– राजीव उर्फ काला असोदा (मारा गया)
– दीपक उर्फ दीपा
– नवीन बाली (दिल्ली), विकास उर्फ फौजी उर्फ भोला
– राहुल उर्फ काला, अजय उर्फ अजय असोदा (बल्लभगढ़), भूपेंद्रर उर्फ
भूपी (झज्जर)
– नवीन उर्फ बाली(दिल्ली), विकास उर्फ फौजी (दिल्ली)
– राजकुमार उर्फ भांबा (दिल्ली)
– राहुल उर्फ काला, रवि उर्फ मोंटा
– प्रवेश मान उर्फ सागर, साहिल दहिया, गौरव त्यागी, अजय मान, नरेंद्र मान
– नवीन उर्फ भांजा (दिल्ली), अर्जुन, नसीम सिंह, आर्यन
पिछले कुछ वर्षों में जिगरी दोस्त रहे अलीपुर, दिल्ली निवासी जितेंद्र उर्फ गोगी व ताजपुर, दिल्ली निवासी सुनील उर्फ टिल्लू पहलवान (दोनों मारे गए) ने भी अपना नाम बनाया। प्रतिद्वंद्विता और वर्चस्व की लड़ाई की यह कहानी पांच साल पहले शुरू हुई थी। सुनील और जितेंद्र कुछ साल पहले तक गहरे दोस्त हुआ करते थे। दोनों दोस्ती और काम को अलग-अलग रखना जानते थे।
नीतू दाबोदिया (मुठभेड़ में मारा गया), दीपक (सोनीपत), दीपक बॉक्सर (हरियाणा), रोहित राणा उर्फ मोई (सोनीपत), योगेश उर्फ टुंडा (दिल्ली), कुलदीप उर्फ फज्जा (दिल्ली), दिनेश माथुर (दिल्ली), बबलू उर्फ गंजा (दिल्ली), कर्मबीर उर्फ काजू, दीपक डबास उर्फ तीतर (दिल्ली), मोहित, गुलशन भारद्वाज उर्फ गुल (दिल्ली), कपिल उर्फ गौरव।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कल पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-NCR और राजस्थान में गैंगस्टर्स के 50 ठिकानों पर रेड की। NIA की इस अचानक रेड से एक सवाल सबके मन में उठा कि आखिर इतने बड़े ऑपरेशन की वजह क्या रही?। असल में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को एक खास इनपुट मिला था।
इसमें पता चला कि आतंकी इन गैंगस्टर्स के नेटवर्क का यूज भारत में बम ब्लास्ट और टारगेट किलिंग जैसे मंसूबों के लिए कर रहे हैं। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जांच में दिल्ली और पंजाब पुलिस को भी यह इनपुट मिले। आतंकी इनको यूज कर हथियार और ड्रग्स स्मगलिंग के साथ टारगेट किलिंग करवाने की साजिश रच रहे हैं।

लॉरेंस और बवाना गैंग में 700-700 से ज्यादा गुर्गे देश में सीमा पार या विदेशों से होने वाली आतंकी एक्टिविटीज पर कई तरह की खुफिया एजेंसीज नजर रखती हैं। इसके उलट गैंगस्टर्स का नेटवर्क देश के भीतर ही है। सूत्रों की मानें तो लॉरेंस और नीरज बवाना गैंग के पास 700-700 शूटर हैं। लॉरेंस का पूरा सिंडिकेट बना हुआ है। इसमें जग्गू भगवानपुरिया, काला राणा, काला जठेड़ी जैसे कई गैंगस्टर जुड़े हुए हैं।
नीरज बवाना के साथ गैंगस्टर दविंदर बंबीहा गैंग, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, भूप्पी राणा जैसे कई गैंगस्टर्स के गैंग जुड़े हैं। इन्हीं पर आतंकियों की नजर है। इनके जरिए आतंकी वारदात करना उनके लिए मुश्किल काम नहीं है। हाल ही में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर आतंकी रिंदा के कराए हमले में लॉरेंस गैंग के गुर्गे दीपक का नाम सामने आ चुका है।

पढ़िए .. कैसे गैंग्स की दुश्मनी बनी आतंकियों का हथियार गैंगस्टर्स अपने वर्चस्व के लिए लगातार भिड़ते रहते हैं। सबसे ज्यादा दुश्मनी लॉरेंस सिंडिकेट और बंबीहा गैंग की है। इनके बीच लगातार बदले का खूनी खेल चलता रहा है। इसी को पाकिस्तान में बैठे हरविंदर रिंदा, कनाडा बैठे लखबीर सिंह लंडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया बैठे आतंकियों ने हथियार बना लिया। वह इन दोनों गैंग्स को बदले के लिए उकसाते हैं। फिर एक-दूसरे को मारने के लिए हथियार मुहैया करवाते हैं। उनकी फंडिंग करते हैं। जरूरत पड़ने पर गैंग मेंबर्स को पाकिस्तान और कनाडा में बैठ अपने यहां या सऊदी देशों में पनाह दिलवाते हैं। बदले में उनसे ड्रग्स की स्मगलिंग भी करवाते हैं। यही खुफिया एजेंसियों की सबसे बड़ी चिंता है।
कल कहां हुई रेड और क्या हुई बरामदगी? NIA ने कल पंजाब में फाजिल्का स्थित लॉरेंस के घर के अलावा मुक्तसर, फरीदकोट, मोगा, तरनतारन, अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़ और मोहाली, हरियाणा में ईस्ट गुरूग्राम, भिवानी, यमुनानगर, सोनीपत और झज्जर, राजस्थान में हनुमानगढ़ और गंगानगर के अलावा दिल्ली NCR में द्वारका, आउटर नॉर्थ, नॉर्थ वेस्ट, नॉर्थ ईस्ट और शाहदरा में रेड की। इस दौरान 6 पिस्टल, एक शॉटगन, एक रिवॉल्वर और कारतूस बरामद किए गए। इसके अलावा ड्रग्स, कैश, बेनामी प्रॉपर्टी के दस्तावेज, संदिग्ध डॉक्यूमेंट्स के अलावा कुछ डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए हैं।