तंबाकू से जुड़ी बीमारी के कारण सालाना 13 लाख भारतीयों की मौत; 93% लोग चाहते हैं धूम्रपान मुक्त जगह

WHO Report: तंबाकू से जुड़ी बीमारी के कारण सालाना 13 लाख भारतीयों की मौत; 93% लोग चाहते हैं धूम्रपान मुक्त जगह

सर्वे: भारत में धूम्रपान एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ रही है। जहां डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में सालाना 13 लाख भारतीय तंबाकू से जुड़ी बीमारी से अपनी जान गंवाते हैं। 
1.3 million Indians die every year due to tobacco related diseases; 93% people want a smoke free place
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ,,,

भारत के लगभग 93 फीसदी लोग सार्वजनिक जगहों को पूरी तरह से धूम्रपान मुक्त चाहते हैं। वहीं, 97 फीसदी ने रेलवे स्टेशनों की तरह हवाईअड्डों को भी पूरी तरह से धूम्रपान मुक्त घोषित करने की वकालत की है। यह खुलासा तंबाकू मुक्त भारत नामक पहल के तहत किए सर्वे में हुआ है। सर्वे बताता है कि भारतीय सेकंड हैंड धुएं यानी धूम्रपान से निकलने वाले धुएं के खतरनाक असर को लेकर फिक्रमंद और जागरूक हैं। यह सर्वे देश के धूम्रपान मुक्त नियमों की 15वीं वर्षगांठ 2 अक्तूबर से शुरू होकर 19 अक्तूबर तक किया गया। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किया गया था।

लोगों से पूछे गए छह सवाल
हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हुए इस सर्वे में 65,272 लोग शामिल थे। इसमें धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थानों और सेकंड हैंड धुएं से जुड़े स्वास्थ्य खतरों के लेकर छह सवाल पूछे गए थे। सर्वे के जवाबों ने बहुतायत में महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर समूहों को सार्वजनिक जगहों जैसे कि रेस्तरां, होटल और हवाईअड्डों पर जहरीले तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से बचाने के लिए सख्त उपायों का समर्थन किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार हर साल लगभग 13 लाख भारतीय तम्बाकू से जुड़ी बीमारियों से मरते हैं। एजेंसी

कोटपा संशोधन को मिला जनता का साथ
सर्वे ऐसे अहम वक्त पर आया है जब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने धूम्रपान क्षेत्रों को पूरी तरह से हटाने के लिए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। यह सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाता है। सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि मंत्रालय के इस कदम का जनता ने पुरजोर समर्थन किया है। ये कोशिशें मंत्रालय के चल रहे देशव्यापी तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 के मुताबिक हैं।

धूम्रपान न करने वाले लोग भी बनते हैं शिकार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार के मुताबिक, कोटपा 2003 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन यह अभी भी हवाई अड्डों, 30 या अधिक कमरों वाले होटलों और 30 से अधिक लोगों की क्षमता वाले रेस्तरां में धूम्रपान के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों की मंजूरी देता है। यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है, क्योंकि धूम्रपान न करने वाले लोग हानिकारक विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं और बीमार पड़ सकते हैं।

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