बुलंदशहर आश्रम में नाबालिगों से रेप !
बुलंदशहर आश्रम में नाबालिगों से रेप, आरोपी 75 साल का…
पीड़ित के पिता बोले- सेवादार की उम्र का लिहाज, वरना आश्रम में ही मार देता
यह दर्द है उस 13 साल की बच्ची के पिता का, जिसके साथ बुलंदशहर के राधा स्वामी सत्संग ब्यास आश्रम के अंदर रेप हुआ। मेडिकल जांच में बच्ची 4 महीने की प्रेग्नेंट निकली है। पुलिस ने आरोपी सेवादार मोहनलाल राजपूत को जेल भेज दिया।
2 लड़कियों से रेप की घटना के बाद पुलिस ने आश्रम पर ताला लगवा दिया है। जांच पूरी होने तक कोई भी आश्रम के अंदर नहीं घुसेगा। हफ्ते में सिर्फ एक दिन आश्रम में अनुयायी जुटते थे। 6 दिन यह सूना पड़ा रहता था। सेवादार ने इसका फायदा उठाया और ऐसा घिनौना कांड करता रहा।
सबसे पहले भास्कर टीम आश्रम तक पहुंची। यहां अंदर घुसते ही दाहिने हाथ पर 2 कमरे बने हैं। एक में खाने-पीने का सामान रखा हुआ है। एक चारपाई भी पड़ी हुई है। इसी चारपाई पर दोनों छात्राओं से रेप की बात सामने आई।
इन कमरों के लगा हुआ एक बड़ा टीनशेड है, जिसके नीचे हफ्ते में एक बार सत्संग होता है। टीनशेड के आगे बड़ा घास का मैदान है। आश्रम के चारों तरफ करीब 7 फीट ऊंची दीवार है।
पिता बोले- आश्रम में पहले भी कांड हुए, अब यह बंद ही रहना चाहिए
अब हम पीड़ित लड़की के घर पहुंचे। घर में लड़की के मां-बाप मिले। पिता ने ऑफ कैमरा बताया- बच्ची ने पहले हमें कुछ नहीं बताया। जब उसका पेट फूलना शुरू हुआ, तो हमें कुछ शक हुआ। हमने डॉक्टरों को दिखाया। उन्होंने तुरंत अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट देखकर चौंक गए। वह चार महीने की प्रेग्नेंट थी। हमने घर आकर पूछा तो बच्ची ने सारी बात बताई।
पिता ने कहा- जिस सेवादार ने यह गंदा काम किया, वह इतना बुजुर्ग है कि ठीक से चल भी नहीं पाता है। उसकी उम्र देखकर कोई भी विश्वास नहीं करेगा कि वह इतना गंदा काम कर सकता है। मैं अपनी बेटी की शादी भी नहीं कर सकता, क्योंकि अभी तो वह सिर्फ 13 साल की है।
पिता ने कहा- मैं चाहता हूं कि यह आश्रम अब बंद ही रहे। यहां पहले भी कई बार ऐसे कांड हुए हैं, लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की। एक बार एक सेवादार ने कुत्ते के साथ गलत काम किया था। जब वह बात गांव में फैली तो उस सेवादार को गांव छोड़कर जाना पड़ा। हम चुप नहीं बैठने वाले। चाहे कुछ हो जाए, आरोपी सेवादार को हम सजा दिलाकर रहेंगे।
मां बोली- एक और लड़की शामिल, वही लेकर जाती थी सेवादार के पास
बड़ी मुश्किल से पीड़ित छात्रा की मां हमसे ऑन कैमरा बात करने को तैयार हुईं। उन्होंने बताया- हमारी बच्ची रोजाना शाम के वक्त घूमने के लिए सड़क पर जाती थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऐसा नहीं था। वह शांत रहती थी। किसी को कुछ बताती भी नहीं थी। कुछ दिन पहले उसने पेट दर्द की शिकायत की। धीरे-धीरे उसका पेट फूलना शुरू हो गया। हमने उससे कुछ पूछा तो वह बात टाल जाती थी। हमें अल्ट्रासाउंड से पूरी बात पता चली।
पीड़ित की मां ने बताया- इस पूरे केस में गांव की एक और लड़की शामिल है। वह ही इन दोनों लड़कियों को उस सेवादार के पास तक लेकर जाती थी। हमें शक है कि वह उस सेवादार से मिली हुई है। जब हम दो परिवारों ने FIR कराई तो हमने उस तीसरी लड़की के परिजन से भी कार्रवाई करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
चाचा बोले- समझौते के लिए हमें पैसे ऑफर किए
पीड़ित के चाचा ने बताया- हमें यह घटना 22 अक्टूबर की शाम को पता चली। इसके बाद सेवादार के पक्ष में गांव में पंचायतें शुरू हो गईं। प्रधान ने हम पर समझौता करने का दबाव बनाया। यहां तक कहा कि कुछ पैसे ले लो, फिर हम इस लड़की की शादी भी करवा देंगे।
23 अक्टूबर की सुबह 10 बजे हम पुलिस स्टेशन पहुंच गए। आरोपी सेवादार के खिलाफ एप्लिकेशन दी, लेकिन प्रेशर के चलते पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। देर शाम को हमने 1076 के लखनऊ कंट्रोल रूम को फोन करके पूरी बात बताई। उन्होंने हमें एक घंटे के अंदर कार्रवाई हो जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद 23 अक्टूबर की रात 10 बजे के आसपास हमें FIR कॉपी मिल पाई।
केयरटेकर परिवार सहित अंडरग्राउंड इस आश्रम का केयरटेकर भी गांव का एक व्यक्ति है। पक्ष जानने के लिए हम उसके घर पहुंचे। घर पर ताला लगा मिला। पता चला कि केयरटेकर अचानक से अपनी पत्नी के साथ कहीं चला गया है। कहां गया है, यह किसी को नहीं पता। माना जा रहा है कि वह अंडरग्राउंड हो गया है।
अब FIR की कॉपी पढ़िए
‘बेसुध होने के बाद चारपाई पर ले जाता, गंदा काम करता’ गांव में राधा स्वामी सत्संग भवन है। थोड़ी दूरी पर हमारा घर है। सत्संग भवन में देखरेख के लिए गांव का ही मोहनलाल रहता है। गांव के बच्चे अक्सर सत्संग भवन के बाहर खेलते-कूदते रहते हैं। मेरी भतीजी भी वहीं खेलती थी। मोहनलाल अक्सर साइकिल सिखाने के बहाने मेरी भतीजी को अंदर बुला लेता था।
उसको साइकिल सीखने के लिए देता था। बिस्किट, मिठाई, चॉकलेट, जलेबी और 10-20 रुपए भी देता रहता था। खाने की चीजों में वह ऐसा कुछ मिला देता था, जिससे मेरी भतीजी बेसुध हो जाती थी। इसके बाद वह भतीजी को अंदर कमरे में चारपाई पर ले जाता था।
करीब 4-5 महीने पुरानी बात है। मोहनलाल ने मेरी भतीजी को बुलाया और कुछ गोली खाने को दी। भतीजी ने खाने से मना किया, फिर भी उसे जबरन खिला दी। भतीजी को चक्कर आने लगे तो मोहनलाल ने उसको अंदर चारपाई पर लिटा दिया। उसके साथ कई बार गलत काम किया। भतीजी ने जब यह बात घर बताने को कहा तो आरोपी ने पूरे परिवार को मारने की धमकी दी।
डर के चलते उसने यह बात नहीं बताई। तभी से मेरी भतीजी सुस्त और खोई-खोई रहती थी। अब उसका पेट कुछ बड़ा लगने लगा। हमने पूछा तो उसने रोते हुए सब कुछ बता दिया। हमने उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो वह 4 महीने की प्रेग्नेंट निकली।
नोट : इस मामले में दो पीड़ित लड़कियों के परिजन ने FIR कराई है। दोनों FIR में घटनाक्रम लगभग एक जैसा है।
हफ्ते में एक दिन सत्संग, बाकी दिन सूना रहता है आश्रम दोनों पीड़ित लड़कियों की उम्र 13 साल है। एक सरकारी स्कूल में क्लास-6 में पढ़ती है। दूसरी प्राइवेट स्कूल में 7वीं में पढ़ती है। गांव में आबादी से बाहर यह आश्रम बना हुआ है। आश्रम के बाहर ही मुख्य रास्ता है, जिस पर हर वक्त लोग गुजरते रहते हैं।
आमतौर पर आश्रम का गेट हर वक्त बंद रहता है। सिर्फ रविवार के दिन यहां सत्संग होता है। इसमें आसपास के करीब 250 श्रद्धालु शामिल होते हैं। इनमें भी महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। इसके अलावा हफ्ते में बाकी के छह दिन यह आश्रम सूना पड़ा रहता है।
आरोपी मोहनलाल 8 साल से आश्रम का सेवादार है आश्रम की देखरेख करने के लिए 75 साल का मोहनलाल यहां बतौर सेवादार काम करता है। बीमारी के चलते उसकी पत्नी की करीब 8 साल पहले मौत हो गई थी। इसके बाद ही वह इस आश्रम से जुड़ा। शुरुआत में वह यहां साफ-सफाई का काम करता था। धीरे-धीरे उस पर आश्रम की देखरेख करने वालों का भरोसा बढ़ता गया।
अब वह यहां सेवादार के रूप में काम करता है। गांव का ही एक व्यक्ति केयरटेकर है। मोहनलाल के नीचे दो और सेवादार काम करते हैं, जिनकी ड्यूटी बदलती रहती है। मोहनलाल का काम आश्रम के अंदर सारी व्यवस्थाओं की देखरेख करना होता है। उसके खाने-पीने का खर्च भी आश्रम का ट्रस्ट वहन करता है।
आरोपी सेवादार बोला- दो तीन बार रेप किया, फिर लड़कियों ने आना बंद कर दिया घटनास्थल के बाद हम सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां आरोपी ने जेल जाने से पहले ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में अपना जुर्म कबूल किया। मोहनलाल ने बताया- मैं पिछले 8 साल से आश्रम की सेवादारी कर रहा हूं। मेरे पास एक साइकिल है।
दोनों लड़कियों ने छह-सात महीने पहले आश्रम पर आना शुरू किया था। वे मेरी साइकिल मांगकर ले जातीं, ताकि उसको चलाना सीख सकें। जब वे साइकिल वापस करने आती थीं, मैं उनको चाय बनाने वाले कमरे में ले जाता था। करीब चार-पांच महीने पहले दो-तीन बार रेप किया होगा। इसके बाद लड़कियों ने आश्रम पर आना बंद कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, इस पूरे प्रकरण की शुरुआत लड़कियों को बैड टच करने से हुई। उम्र बेहद कम है। लड़कियों को अच्छे-बुरे की ज्यादा समझ नहीं थी, इसलिए वे सेवादार की हरकतों को समझ नहीं पाईं। सेवादार बेड टच करता था, लेकिन वे इसे ‘दुलार’ समझती रहीं। जब आरोपी ने उनके साथ घिनौना काम शुरू कर दिया तो लड़कियों ने आश्रम पर आना ही बंद कर दिया।
आरोपी सेवादार मोहनलाल के तीन बेटे हैं। इनमें दो बेटे दिल्ली और अहमदाबाद में रहकर नौकरियां करते हैं। तीसरा सबसे छोटा बेटा गांव में ही पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता है। मोहनलाल रोजाना अपने घर नहीं जाता। वह दिन-रात आश्रम पर ही रहता है।