इंदौर : 20 करोड़ रुपए से रेनोवेट राजवाड़ा में लीकेज ?

20 करोड़ रुपए से रेनोवेट राजवाड़ा में लीकेज
अधिकारी बोले- कंपनी को 10 लेटर लिखे, एक का भी जवाब नहीं आया

राजवाड़ा को रेनोवेट करने में 20 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन बिल्डिंग में लीकेज प्रॉब्लम है। अलग-अलग जगह से बिल्डिंग में पानी टपक रहा है। ऊपरी हिस्से में कई जगह दीवारों में दरार भी नजर आ रही है।

रेनोवेशन का काम स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने किया है। लीकेज ठीक करने की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी की है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी 8 से 10 लेटर कंपनी को इस संबंध में लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक एक भी लेटर का जवाब उन्हें नहीं मिला है।

इंदौर की धरोहर राजवाड़ा को पिछले साल पर्यटकों के लिए खोला गया था। स्मार्ट सिटी कंपनी के रेनोवेशन का काम खत्म करने के बाद 13 फरवरी 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका लोकर्पण किया था।

राजवाड़ा के जलने से लेकर संवरने तक की कहानी…

होलकर शासकों की भव्यता का प्रमाण राजवाड़ा

राजवाड़ा, होलकर राजवंश के शासकों का ऐतिहासिक महल है। इसका निर्माण 200 साल पहले हुआ था और आज तक यह महल पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण रखता है। महल की वास्तुकला फ्रेंच, मराठा और मुगल शैली के कई रूपों और वास्तु शैलियों का मिश्रण है। महल का प्रवेश द्वार सुंदर और भव्य है। बड़ी-बड़ी खिड़कियां, बालकनी और गलियारे, होलकर शासकों और उनकी भव्यता का प्रमाण है।

1984 में आग की चपेट में आ गया था राजवाड़ा

  • 1984 में हुए दंगों के दौरान उपद्रवियों ने राजवाड़ा से सटी दुकानों में आग लगा दी थी।
  • आग ने राजवाड़ा के अंदरूनी हिस्से को चपेट में ले लिया। उत्तरी भाग में अंदर का हिस्सा जल गया।
  • सभागार और ऊपरी हिस्से में कमरे बने हुए थे, लेकिन जले हुए हिस्से के रेनोवेशन का काम नहीं हुआ।
  • 2017 में बारिश के दौरान इमारत का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर गिर गया।
  • स्मार्ट सिटी कंपनी ने राजवाड़ा के जीर्णोद्धार की योजना बनाई। साल 2018 में काम की शुरुआत हो गई।
  • रेनोवेशन पर लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च हुए।
  • 2023 मार्च में रेनोवेशन के बाद लोगों के लिए राजवाड़ा खोला गया।

5 पॉइंट में समझिए राजवाड़ा का इतिहास

  • 1). राजवाड़ा पैलेस को इंदौर में राजवाड़ा महल या होलकर पैलेस के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण होलकर राजवंश के संस्थापक मल्हार राव होलकर ने करवाया था। मल्हार राव होलकर ने इंदौर को अपनी राजधानी के रूप में चुना था।
  • 2). इंदौर के राजवाड़ा पैलेस ने इतिहास में कई जीत और त्रासदियां देखीं। इतिहासकारों के अनुसार, आखिरी आग 1984 में दंगों के दौरान लगी थी, जिसमें ऊपरी चार मंजिलें जल गईं और राजवाड़ा पैलेस की सिर्फ पत्थर से बनी मंजिलें ही बचीं।
  • 3). भारत सरकार और होलकर परिवार की बदौलत राजवाड़ा पैलेस का पुनर्जन्म हुआ। राजवाड़ा पैलेस सात मंजिला है। मराठा, मुगल और फ्रेंच शैली की अद्भुत वास्तुकला का मिश्रण है। इसकी निचली तीन मंजिलें पत्थर और ऊपरी मंजिलें लकड़ी से बनी हैं।
  • 4). राजवाड़ा महल दो भागों में विभाजित है- मुख्य महल और पिछला महल। मुख्य महल पुराना हिस्सा है, जो मुख्य सड़क की ओर है और पिछला महल नया बना हुआ हिस्सा है, जो झरने और बगीचे की ओर है। मुख्य महल तीन मंजिला इमारत है, जिसमें एक विशाल लकड़ी का दरवाजा है।
  • 5). राजवाड़ा के पिछले हिस्से में शीशमहल, तलघर और आकर्षक उद्यान भी था, जो 1984 के दंगों में नष्ट हो गया। यहां वर्तमान में होलकरों के कुलदेवता मल्हारी मार्तण्ड का देव स्थान है। 1747 ई. में मल्हारराव होलकर ने इसका निर्माण शुरू करवाया था। 1801 में सेनापति सरजेराव घाटगे ने आक्रमण किया और पहली बार राजवाड़ा आग से नष्ट हुआ। 1826 से 1833 के बीच इमारत का निर्माण पूरा हुआ।

भारतीय पर्यटकों के लिए 20 रुपए टिकट

राजवाड़ा देखने के लिए आने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए 20 रुपए और विदेशी के लिए 400 रुपए टिकट है। रोजाना औसतन करीब 1 हजार भारतीय पर्यटक राजवाड़ा देखने आते हैं। इस साल भी बीते दस महीने में करीब ढाई लाख से ज्यादा पर्यटक राजवाड़ा देखने आ चुके हैं।

हमारे किसी लेटर का जवाब नहीं दिया

पुरातत्व विभाग के उप संचालक प्रकाश परांजपे ने कहा-

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राजवाड़ा में लगभग 1 हजार पर्यटक रोज आ रहे हैं। रेनोवेशन के बाद पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना करीब 20 विदेशी पर्यटक भी आ रहे हैं। राजवाड़ा के रेनोवेशन का काम स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। लगभग 20 करोड़ रुपए में रेनोवेशन का काम हुआ है। लीकेज की समस्या सामने आई है। इस संबंध में स्मार्ट सिटी को लेटर भी लिखा, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। मेंटेनेंस की जिम्मेदारी उन्हीं की है। हमारे किसी भी लेटर का जवाब उन्होंने नहीं दिया है। करीब 8 से 10 लेटर उन्हें लिख दिए हैं।

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बिल्डिंग को ठीक कराएंगे

स्मार्ट सिटी के सीईओ दिव्यांक सिंह का कहना है-

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अगर कोई लेटर हमारे पास आएगा तो हम पूरा ध्यान देंगे। कोई भी बिल्डिंग बनी है, कैसे भी बनेगी, उसमें छोटी-मोटी चीजें होंगी। अगर कोई बहुत ज्यादा ऐसी चीजें हुई हैं कि कंस्ट्रक्शन में ही प्रॉब्लम हुआ है, उसे हम देख सकते हैं। मेंटेनेंस अवधि पीरियड में रहेगा, उसे हम बिल्कुल सही कराएंगे।

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