भारत में घट रही प्रजनन दर की वजह ?
विकसित और विकासशील दोनों देशों में प्रजनन दर घट रही है। जापान जैसे देश घटती प्रजनन दर से चिंतित है तो दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में भी गिरती प्रजनन दर को रिकॉर्ड किया गया है। अनुमान के मुताबिक निम्न आयु वाले देशों में उच्च प्रजनन दर बनी रहेगी। प्रजनन दर घटने के फायदे और नुकसान दोनों हैं।
भारत में मौजूदा समय में दुनिया की सबसे युवा आबादी है। मगर प्रजनन दर में गिरावट का असर यह होगा कि देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़ सकती है। इसका श्रम बाजार पर असर पड़ेगा। 1991 में देश में बुजुर्गों (60 साल से अधिक) की आबादी 6.1 करोड़ थी। मगर 2024 में यह लगभग 15 करोड़ हो गई है। बुजुर्गों की बढ़ती आबादी का असर स्वास्थ्य समेत कई सेक्टरों पर पड़ेगा।
इन देशों में अधिक होगी प्रजनन दर
क्यों गिर रही प्रजनन दर?
भारत में गिरती प्रजनन दर के कई आर्थिक और सामाजिक कारण है। शहरी क्षेत्रों में महिलाएं का रुझान कम बच्चे पैदा करने पर है। वहीं देरी से शादी, करियर, शिक्षा और परिवार नियोजन की वजह से भी प्रजनन दर में गिरावट आई है। हालांकि मौजूदा समय में भारत की आबादी धीमी गति से बढ़ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि गिरती प्रजनन दर का लोगों के जीवन स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। जीवन स्तर गुणवत्तापूर्ण होगा। संसाधनों का प्रबंधन ठीक से हो सकेगा। हालांकि गिरते प्रजनन दर का सबसे बड़ा नुकसान है कि आर्थिक विकास को बनाए रखना कठिन है।