भारत डिजिटल क्रांति के मामले में अगुवा, डिजिटलीकरण से कागज के इस्तेमाल में 84 टन की आई कमी

 भारत डिजिटल क्रांति के मामले में अगुवा, डिजिटलीकरण से कागज के इस्तेमाल में 84 टन की आई कमी
भारत की जिजिटल क्रांति को लेकर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्तमान में देश की जीडीपी का 10वां हिस्सा है। पिछले दशक की वृद्धि दर को देखते हुए 2026 तक इसके जीडीपी का 5वां हिस्सा बनने की संभावना है।
India is leading the digital revolution, financial technology is accelerating digital payments
rbi reserve bank of india –
भारत में डिजिटल क्रांति की लहर ने पूरे देश की रूप रेखा बदल दी है। जिसको लेकर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने बुधवार को कहा, देश डिजिटल क्रांति के मामले में अगुवा है और वित्तीय प्रौद्योगिकी डिजिटल भुगतान को रफ्तार दे रही है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्तमान में देश की जीडीपी का 10वां हिस्सा है। पिछले दशक की वृद्धि दर को देखते हुए 2026 तक इसके जीडीपी का 5वां हिस्सा बनने की संभावना है।

डिजिटलीकरण से कागज के इस्तेमाल में 84 टन की कमी
पात्रा ने एक कार्यक्रम में कहा वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण से कागज के इस्तेमाल में 84 टन की कमी आई है। ग्राहकों के बैंकों तक आने-जाने में चार लाख लीटर ईंधन की बचत हुई है। इसके अलावा, हर महीने कुल 14,500 कार्य दिवस बचत हुई। ग्राहकों को जोड़ने की लागत में 25-30 फीसदी और शाखाओं में ग्राहकों को इंतजार में लगने वाले समय में 40 फीसदी कमी आई है। एजेंसी

डिजिटलीकरण के लाभ
इसके साथ ही पात्रा ने कहा कि भारतीय बैंकों के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि सभी ने मोबाइल-इंटरनेट बैंकिंग लागू की है।

  • 75 फीसदी ऑनलाइन खाता खोलने, डिजिटल केवाईसी और डिजिटल तरीके से घर तक बैंक सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
  • 60 फीसदी डिजिटल माध्यम से कर्ज और 50 फीसदी भुगतान एग्रीगेटर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
  • 41 फीसदी बैंक ग्राहक सुविधा के लिए चैटबॉट का उपयोग करते हैं।

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