यूपी में मीट से मालामाल … फर्जी खाते खोल निकाले 143 करोड़ ?

यूपी में मीट से मालामाल

फर्जी खाते खोल निकाले 143 करोड़…मीट कारोबारियों को किए वापस; जांच में सामने आया खेल

मीट का कारोबार करने वाली कंपनियों ने बड़े पैमाने मनी लांड्रिंग को अंजाम दिया है। फर्जी खाते खोलकर 143 करोड़ रुपये निकाल लिए। इसके बाद मीट कारोबारियों को वापस कर दिए। आयकर की जांच कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 
 
बरेली की मीट कारोबारी कंपनियों मारिया फ्रोजन और रहबर फूड्स द्वारा बड़े पैमाने पर मनी लांड्रिंग करने की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करने जा रहा है। इसके पुख्ता सुराग आयकर विभाग को मिले थे। 

दोनों कंपनियों की जांच में सामने आया था कि उन्होंने अपने करीबी की मदद से कई शेल कंपनियां खोली, जिसके कर्मचारियों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खोले गए। कर्मचारियों के नाम पर 143 करोड़ रुपये के चेक काटे गए और उन्हें भुनवाने के बाद कंपनियों की नकदी वापस कर दी गई।

बता दें कि आयकर विभाग ने दो वर्ष पूर्व मीट कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें बरेली की मारिया फ्रोजन और रहबर फूड्स भी शामिल थी। इस दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अनुमन्य 300 पशुओं की जगह रोजाना एक हजार से अधिक पशुओं की कटाने होने के पुख्ता प्रमाण मिले थे।

जब अधिकारियों ने कंपनियों के निदेशकों के मोबाइल को खंगाला तो बोगस बिल के नाम पर करोड़ों रुपये की नकदी के लेन-देन के तमाम सुबूत मिले। जांच में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने कई शेल कंपनियों को बनाया, जिसके बाद मीट कारोबारियों और मेंथा ऑयल के कारोबारियों को करीब 2200 करोड़ रुपये का फर्जी लेन-देन दर्शाया गया। 

शेल कंपनियों के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी बैंक खाते एचडीएफसी बैंक में खोले गए। जांच में सामने आया कि मारिया और रहबर फूड्स ने इन कर्मचारियों को बोगस बिल के बदले चेक दिए, जिससे बैंक से 143 करोड़ रुपये की नकदी निकाली गई। बाद में यह नकदी कमीशन लेकर वापस कर दी गई। अब ईडी आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कसने जा रहा है।
प्रशासन ने नहीं दी रिपोर्ट
ईडी ने मीट कारोबारियों के बारे में बरेली जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी, जो करीब एक माह से अधिक वक्त बीतने के बाद भी नहीं सौंपी गई है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा कंपनियों पर मुकदमा दर्ज कराने का आदेश भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। रिपोर्ट नहीं देने और मुकदमा नहीं दर्ज कराने पर पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं।
इनके नाम पर खाते खोलकर निकाली नकदी (करोड़ में)
प्रवीण रस्तोगी      21.27
नईम अहमद       102.68
अल्तमश             6.54
अमान कुरैशी       6.86
रईस अहमद        0.88
शहबाज              1.50
यामीन रजा खान   3.69
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मीट कारोबारियों के छापों में बड़ा खुलासा, 1200 करोड़ नकद गायब, कश्मीर कनेक्शन की जांच जारीमीट कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आयकर विभाग ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट में उच्चाधिकारियों को बताया है कि इन कंपनियों ने 1200 करोड़ रुपये नकद कहां खर्च किए गए इसका अब तक कोई पता नहीं चला है।

मनी लांड्रिंग के जरिए 524 करोड़ रुपये दिए

दिसंबर 2022 में आयकर विभाग ने बरेली के मारिया ग्रुप, रहबर ग्रुप, अल-सुमामा ग्रुप,  लखनऊ और उन्नाव के रुस्तम ग्रुप और आगरा के एचएमए ग्रुप पर छापे मारे थे। इन छापों में मिले दस्तावेजों की लगभग एक साल चली गहन जांच में पता चला कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए मीट कंपनियों को 524 करोड़ रुपये नकद दिए थे। रहबर ग्रुप की 68 करोड़ रुपये की काली कमाई का भी खुलासा हुआ जबकि रुस्तम ग्रुप के 535 करोड़ रुपये और मारिया ग्रुप के 102 करोड़ रुपये की फर्जी बिक्री का पता चला।

आयकर विभाग की रिपोर्ट में 1200 करोड़ का जिक्र

आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में इस 1200 करोड़ रुपये की राशि को संदिग्ध गतिविधियों में उपयोग किए जाने की आशंका जताई है। विशेष रूप से देश (UP Meat Traders) के संवेदनशील इलाकों के युवाओं को सुरक्षा कार्य में लगाने और बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन होने से किसी गहरी साजिश का संकेत मिल रहा है। जांच में यह भी सामने आया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ी निजी सुरक्षा एजेंसियां कई अन्य मीट कारोबारियों को सुरक्षा दे रही थीं। इन एजेंसियों की जानकारी जुटाने पर बडी गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।

मीट कारोबारियों का कश्मीर कनेक्शनरिपोर्ट के अनुसार मीट कारोबारियों की फैक्ट्रियों और आवासों की सुरक्षा का जिम्मा कश्मीरी युवाओं को सौंपा गया है, जो संदिग्ध माना जा रहा है। इस रकम का एक हिस्सा जमात-ए-उलेमा हिंद और देवबंद जैसे संगठनों को भेजे जाने की बात सामने आई है। 40 देशों को भैंस का मांस निर्यात करने वाली आगरा की एचएमए एग्रो की जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी ने एक अरबी ट्रांसलेटर को भी नियुक्त किया है जो खाड़ी देशों के कुछ लोगों के साथ लगातार संपर्क में है। इसके संचालक आगरा के पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो हैं।

इन सिक्योरिटी एजेंसियों की हुई जांच

मारिया, रुस्तम और रस्तोगी ग्रुप ने राजौरी की खान सिक्योरिटी प्रोटेक्शन की सेवाएं ली हैं जिसके लगभग कर्मचारी कश्मीरी युवा हैं। आगरा के एचएमए ग्रुप की सुरक्षा का कार्य जाफरान चौधरी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड, हिंदुस्तान गार्ड फोर्स सिक्योरिटी सर्विसेज, सुभाना चौधरी सिक्योरिटी सर्विसेज और एशिया ग्रुप सिक्योरिटी को सौंपा गया है। हिंदुस्तान गार्ड के मालिक जफर इकबाल और सुभाना चौधरी सिक्योरिटी के मालिक आबिद अली का कार्यालय पुंछ में स्थित है।

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