टूट रहा मुस्लिम देशों का सब्र, अरब के क्रोध को अमेरिका कैसे करेगा शांत?
टूट रहा मुस्लिम देशों का सब्र, अरब के क्रोध को अमेरिका कैसे करेगा शांत?
इजराइल के लगातार हमलों के चलते अब अरब और मुस्लिम देशों का सब्र टूट रहा है और उनका क्रोध सामने आ रहा है, जिससे अमेरिका पर दबाव बढ़ रहा है. जहां ईरान और सऊदी अरब अब इजराइल के खिलाफ एक सुर अपनाते दिखाई दे रहे हैं. वहीं, तुर्किए ने इजराइल से अपने सभी रिश्ते खत्म कर दिए हैं, साथ ही सीरिया ने भी इजराइल के खिलाफ जंग का ऐलान करते हुए कहा, हमारी जंग उस देश से है, जो कोई आधिकारिक देश नहीं है.
अरब में छिड़ी जंग की वजह से इजराइल के खिलाफ दुनियाभर में गुस्सा बहुत बढ़ गया है. कई देशों में तो अरब और यहूदियों में जंग शुरू हो गई है. कई मुस्लिम देशों ने इजराइल का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है. दुनिया भर से जो रिपोर्ट और तस्वीरें आ रही हैं, वो इस बात का सबूत हैं कि अरब देश इजराइल के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं. सवाल यही है कि ऐसी स्थिति में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्या करेंगे? उनकी नीति क्या होगी?
एम्स्टर्डम में अरब और यहूदियों के बीच एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी हुई. झड़प और हाथापाई की गई. एम्स्टर्मडम की तरह ही पेरिस में जबरदस्त बवाल हुआ. दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ उत्पात मचाने लगे तो हालात बेहद खराब हो गए. स्थिति बेकाबू हुई तो पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा. पुलिस ने लाठीचार्ज किया. आंसू गैस के गोले छोड़े गए. बावजूद इसके भीड़ काफी देर तक बवाल करती रही. नीदरलैंड्स से लेकर फ्रांस तक अरब मूल और यहूदियों की जंग बेहद तेज हो गई है.
तुर्किए ने खत्म किए इजराइल से संबंधइजराइल के खिलाफ दुनियाभर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. इजराइल विरोध की ये लहर लगातार बड़ी होती जा रही है. तुर्किए ने तो इजराइल से अपने सभी रिश्ते खत्म कर दिए हैं. 13 नवंबर को इस बात की घोषणा खुद तुर्किए के राष्ट्रपति ने की थी. राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन ने कहा कि हमने यानी तुर्किए ने एक राज्य और सरकार के रूप में इजराइल के साथ अपने संबंध खत्म करने का निर्णय लिया है. तुर्किए भविष्य में इजराइल के साथ सहयोग विकसित करने या संबंध बहाल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगा.
सीरिया ने भी अपनाए सख्त तेवररियाद में OIC की बैठक में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने भी इजराइल के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए. असद ने कहा, गाजा में नरसंहार को रोकना हमारी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए. हमारी जंग उस देश से है, जो कोई आधिकारिक देश नहीं है. इजराइल एक बर्बर देश है, उसे नियम-कायदे और मानवता की परवाह नहीं है. मुझे लगता है कि हमारी इस बैठक का कोई अच्छा परिणाम निकलेगा.
जाहिर है अरब और मुस्लिम देशों का सब्र टूट रहा है. उनका गुस्सा भड़क रहा है. अब सवाल यही है कि अमेरिका अरब के क्रोध को कैसे शांत करेगा? क्या अमेरिका जंग से अपने कदम पीछे खींचेगा? या अब अरब के समीकरण बदलने जा रहे हैं? इन सवालों का जवाब तो भविष्य में मिलेगा, लेकिन सच ये है कि इजराइल रुकने वाला नहीं है.
इजराइल नहीं रोक रहा हमलेदुनियाभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन और ग्लोबल क्रोध से के बावजूद इजराइली सेना गाजा और लेबनान में भीषण हमले कर रही है. 24 घंटे के अंदर गाजा में इजराइल ने जबरदस्त बमबारी की. इस बमबारी में एक दर्जन से ज्यादा लोग बेमौत मारे गए. इजराइल के ये हमले इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि इजराइल अमेरिका की बात भी नहीं मानेगा, वो हमला तब तक जारी रखेगा, जब तक कि हमास का संपूर्ण खात्मा नहीं हो जाता.