स्वरोजगार के नाम पर अधिकारियों ने महिलाओं को दिया धोखा ?
स्वरोजगार के नाम पर अधिकारियों ने महिलाओं को दिया धोखा, 22 हजार की चाइना मेड मशीन 2.12 लाख में बेची, वो भी हो गई खराब
ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन उनके अधिकारी ही सरकार के प्रयास में पतीला लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश में जबलपुर के कुंडम ब्लाक में सामने आया है। जिन मशीनों से
कोदू-कुटकी का आटा और शक्कर पीसना थी, वो अब आटे की बजाए धुंआ छोड़ रहे हैं।
आटा चक्की से धुंआ निकलता व स्वसमूह की दीदी:नईदुनिया।
- समूह की दीदियों को कोदू-कुटकी के बिस्किट बनाने दी मशीनें 10 दिन में ही खराब।
- कलेक्टर के आदेश पर की जांच, परियोजना अधिकारी ने किया लाखों का फर्जीवाड़ा।
- मशीन बंद पड़ी है और समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं है।
, जबलपुर (Jabalpur News)। जबलपुर के कुंडम ब्लाक में सामने आया है, जहां स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के नाम पर लाखों की मशीनें खरीदकर दी गई, लेकिन महज 10 दिन में ही यह खराब हो गई।
चाइना मेड निकली, बाजार कीमत करीब 22 हजार रुपये हैस्वसहायता समूह की अध्यक्ष राधा और सचिव ममता यादव के मुताबिक जो मशीनें उन्हें दी गई, वे सारी चाइना मेड निकली और उसकी बाजार कीमत करीब 22 हजार रुपये है, लेकिन इन मशीनों में चस्पा किए दाम और बिल में प्रति मशीन करीब दो लाख 12 हजार रुपये की है।
समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं हैजिन मशीनों को खरीदने में 12 लाख रुपये खर्च हुए, उसमें आठ लाख रुपये तो समूह के नाम पर बैंक से लोन दिलाया गया, शेष चार लाख रुपये वाटर शेड अनुदान के तौर पर दिए गए। अब मशीन बंद पड़ी है और समूह के पास बैंक की किस्त जमा करने तक के पैसे नहीं है।
जांच में निकली काम दाम और बिना आइएसआइ की मशीन
- महिलाओं ने इसकी शिकायत कलेक्टर दीपक सक्सेना को दी।
- जिला पंचायत सीओ मनोज सिंह को जांच करने के निर्देश दिए।
- कलेक्टर बोले- जांच करने के लिए तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई।
- जनपद पंचायत सीईओ, कुंडम एई व वाटर शेड परियोजना के पीओ हैं।
- जांच में प्रोजेक्ट में दिए मशीन के मापदंड के मुताबिक मशीन नहीं पाई।
परियोजना के प्रभारी अखिल शुक्ला ने यह पूरा खेलबाजार मूल्य भी कम पाया गया। इतना ही नहीं खुद के वेंडर ले जाकर महिलाओं को जबरन मशीन दिलवाई गई। महिलाओं के मुताबिक यह पूरा खेल जिला पंचायत में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन परियोजना के प्रभारी अखिल शुक्ला ने जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ रवि तिवारी और मशीन बेचने वाले व्यापारी ऋतिक जैन के साथ मिलकर खेला।
ऐसे खेला गया फर्जीवाड़ा
- कोदू-कुटकी के बिस्किट बनाने के लिए स्वसहायता समूह की महिलाओं को तैयार किया गया
- महिलाओं के मना करने के बाद भी उन्हें 12 लाख रुपये की पांच मशीनें खरीद कर दी गई।
- महिलाओं के लोन न लेने पर उन्हें अच्छे भविष्य के सपने दिखाकर आठ लाख का लोन दिलवाया।
- एक मशीन की कीमत दो लाख 12 हजार रुपये दिखाई गई, जबकि वह 22 हजार रुपये की थी।
- आठ अक्टूबर को विधायक सिहोरा ने इन मशीनों का उद्घाटन किया और 18 अक्टूबर को बंद हो गईं
- परियोजना अधिकारी और व्यापारी पांच नवंबर को महिलाओं के पास पहुंचे और समझौते का दबाव बनाया।
इन मशीनों को खरीदा
- कोदू-कुटकी का आटा पीसने वाली मशीन
- शक्कर पीसने वाली मशीन
- आटा से रोटी बनाने वाली मशीन
- बिस्किट बनाने वाली मशीन
- पैक करने वाली मशीन
ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
- मशीनों के स्टीकर हटाया तो मेड इन चाइना लिखा था
- स्टीकर हटाने के बाद एक नंबर मिला, जिससे पूछताछ की।
- इस नंबर पर कंपनी ने सही कीमत बताई।