शाहीन बाग में प्रदर्शन के खिलाफ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
उच्चतम न्यायालय सोमवार (10 फरवरी) को शाहीन बाग में प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई करेगा। इससे पहले 7 फरवरी को शुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को ”प्रभावित” नहीं करना चाहता। दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए थे।
शुक्रवार (7 फरवरी) को न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था, ”हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे। तब हम बेहतर स्थिति में होंगे।”
जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा, ”हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए। हम उसे प्रभावित क्यों करें?”
पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए। पीठ ने कहा, ”हमें लगता है कि यह उचित होगा अगर उच्च न्यायालय मामले पर सुनवाई करें। उच्च न्यायालय उपयुक्त मंच है और हम इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं।”
उच्चतम न्यायालय वकील अमित साहनी की अपील पर सुनवाई कर रहा है। साहनी ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के वास्ते उच्च न्यायालय का रुख किया था। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर से इस मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है। उच्च न्यायालय ने स्थानीय अधिकारियों से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इससे निपटने के लिए कहा था।
इसके अलावा दिल्ली के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग ने अपने वकील शशांक देव सुधी के जरिए उच्चतम न्यायालय में अलग से एक याचिका दायर कर अधिकारियों को शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण पिछले साल 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग अवरुद्ध है।