ग्वालियर : बदहाल पिकनिक स्पॉट पार्क भी बेहाल ?

बदहाल पिकनिक स्पॉट:जाएं तो जाएं कहां…
शहर सौंदर्यीकरण के लिए संवारे गए जलाशयों में गंदगी, पार्क भी बेहाल

पर्यटकों को आकर्षित करने और शहर के लोगों को घूमने के लिए शहर के बीचोंबीच स्थित तीन जलाशयों सहित पार्कों को संवारने के ​नाम पर सरकारी एजेंसियों ने 24 करोड़ रुपए तो खर्च कर दिए, लेकिन उसके बाद उनकी सुध नहीं ली। आलम यह है कि बैजाताल, जलबिहार और कटोरा ताल में भरा पानी सड़ांध मार रहा है। वहीं, ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने जिन तीन पार्क नेहरू, लेडीज और शिवाजी को संवारा था, वे बदहाल स्थिति में जा पहुंचे है।

नगर निगम के पार्कों के हालात ज्यादा ही खराब है। फूलबाग स्थित गांधी उद्यान में ट्यूलिप गार्डन तैयार कर 60 हजार पौधे रोपे थे। अफसर के जाते ही फाउंटेन और पाउंड बना दिए गए। अब वहां पानी में काई और गंदगी छाई हुई है। वाटर बॉडीज में बैजाताल, जल विहार और कटोरा ताल की स्थिति भी ठीक नहीं है। बैजाताल, जल विहार, इटालियन गार्डन और बारादरी की सुंदरता को ग्रहण लगता जा रहा है।

यहां हेरिटेज स्टा​इल में लगाए पत्थर, बैंच, लैंप आदि टूटे पड़े है। नेहरू पार्क, लेडीज पार्क और फूलबाग के गांधी व अंबेडकर उद्यानों में भी अव्यवस्थाओं का आलम है। यहां कचरे के ढेर लगे हुए हैं। बैजाताल के आस-पास हरियाली के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए पौधे रख-रखाव के अभाव में गायब हो चुके हैं।

उक्त पर्यटन स्थलों को संवारने के लिए मप्र राज्य पर्यटन निगम, ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन जैसी एजेंसियों ने काम किया। अब निगम इनकी देखरेख नहीं कर पा रहा है।

  • 6 करोड़ रुपए से बैजाताल का जीर्णोद्धार किया गया
  • 3 करोड़ रुपए से इटालियन गार्डन का सौंदर्यीकरण हुआ
  • 4.10 करोड़ रुपए से कंपू स्थित नेहरू पार्क का हुआ पुनर्विकास

जानिए… किस-किस एजेंसी ने कहां-कहां कराया काम

1 योजना- स्वदेश दर्शन योजना एजेंसी- मप्र राज्य पर्यटन निगम {रखरखाव- नगर निगम को करना है। ऐसा पत्थर स्थलों पर लगा है। {कब काम पूरा हुआ- साल 2017-18

बैजाताल 6 करोड़ रुपए में चारों तरफ पत्थर की जालियां, पाथवे, पत्थर की बेंच और डस्टबिन, सीढ़ियों का संधारण, 6 लाख रुपए से पौधे कोलकाता से मंगाकर लगवाए गए। अब हालात बैजाताल के ऊपर और नीचे की तरफ लगी जालियां टूट चुकी हैं। पाथवे के बीच बनी छोटी दीवार के पत्थर निकले पड़े हैं।

इटालियन गार्डन-जल विहार | तीन करोड़ रुपए में रिटायरिंग वाल्व, पाथवे, लैंडस्केपिंग, सोलर लाइट, पत्थर की बेंच व डस्टबिन लगाई गईं। अनदेखी के कारण पत्थर लैंप, पत्थर की बेंच और डस्टबिन टूटी हैं। जल विहार में पाउंड में पानी ज्यादा ही गंदा होने के कारण इसमें पाली गईं मछलियां रोजाना मर रही हैं।

बारादरी फूलबाग यहां एक करोड़ रुपए खर्च कर पब्लिक टॉयलेट्स के अलावा पानी की व्यवस्था, लैंडस्केपिंग, पाथवे बनाया। गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण बारिश में लाल पत्थर निकल गया।​​​​​​​

2 योजना- स्मार्ट सिटी में पार्कों का संधारण {एजेंसी- ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन {रखरखाव- ठेका खत्म होने के बाद नगर निगम को सौंपा। {काम पूरा हुआ- सितंबर 2018 में। पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री मप्र माया सिंह के कार्यकाल में सौंपा गया। क्या काम किए गए:

नेहरू पार्क | कंपू स्थित नेहरू पार्क को स्मार्ट पार्क 4 .10 करोड़ रुपए में बनाया गया। वर्तमान में हालात मातृ स्थल पर कचरा, शौचालयों में गंदगी, लैंप पोस्ट से लाइट गायब, बच्चों के मनोरंजन के साथ टूटे और शौचालय उपयोग लायक नहीं।

लेडीज पार्क | छत्री बाजार के पास लेडीज पार्क पर 2.89 करोड़ रुपए खर्च कर संवारा गया। वर्तमान में योगा हाउस में नीचे लगी लकड़ी के पट्टे टूट चुके है। शौचालय का गेट टूटा पड़ा है। फाउंटेन बंद पड़ा है। डस्टबिन टूट चुकी है और पत्थर तक निकल चुके है। ​गश्त का ताजिया के पास बना शिवाजी पार्क पर 1.32 करोड़ रुपए खर्च किए थे। यहां के हालात भी बेकार हो चुके है।

3 योजना- पार्कों में फाउंटेन एजेंसी- नगर​ निगम रखरखाव- निगम का काम पूरा हुआ- पिछले साल गांधी और अंबेडकर पार्क | शहर के सबसे पुराने पार्क है। यहां पर 15 लाख रुपए सौंदर्यीकरण किया गया, लेकिन आज हालात बदतर हैं।

  • योजना-कटोराताल का जीर्णोद्धार
  • एजेंसी- स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन
  • रखरखाव- स्मार्ट सिटी का
  • काम कब पूरा हुआ- साल 2022 में
  • स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने 4.50 करोड़ रुपए की राशि खर्च की। वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि पानी में काई जमी है। ताल की हालत बदतर है।​​​​​​​

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