भिंड : बिन काम कर रहे अफसरगिरी …!

बिन काम कर रहे अफसरगिरी …..साल 2010 से काम बंद, फिर भी तैनात हैं अधिकारी और कर्मचारी, ले रहे सैलरी

नहर पर लगे गेट, जिनकी साल में एक बार होता है मेंटेनेंस ….

जहां एक ओर युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी सरकारी विभाग हैं, जिनमें अधिकारी-कर्मचारियों के पास कोई काम ही नहीं है। परिणामस्वरूप यह अधिकारी-कर्मचारी बिना काम के मुफ्त की पगार ले रहे हैं। हम बात कर रहे हैं नलकूप और भूमि सरंक्षण विभाग की। इन दोनों ही विभागों में 40 के करीब अधिकारी-कर्मचारी हैं। जो हर महीने 10 से 12 लाख रुपए का वेतन सरकार से पा रहे हैं। बता दें कि पांच दशक पहले ऊमरी व फूप क्षेत्र में कृषि सिंचाई के लिए 72 नलकूप का खनन कराया गया था।

इनके संचालन और संधारण के लिए नलकूप विभाग में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती की गई। जब इन नलकूपों से कृषि सिंचाई की योजना विभिन्न कारणों के चलते सफल नहीं हुई तो पहले तो नलकूप बंद हुए। वहीं बाद में इन नलकूपों को नीलाम भी कर दिया गया। इसके बाद इंजीनियर्स को सिंचाई विभाग में ले लिया गया और ऑपरेटर, हेल्पर, डाकनर, चौकीदार को लाइट मशीनरी एवं विद्युत यांत्रिकी सब डिवीजन बनाकर नहरों के गेट की ग्रीसिंग का काम दे दिया गया। जिले में नहरों पर सात से आठ जगह गेट हैं और इनकी ग्रीसिंग का काम भी साल में एक बार ही होता है। शेष दिनों में इन कर्मचारियों पर कोई काम नहीं रहता बल्कि, घर बैठे बिठाए की पगार पा रहे हैं। वर्तमान में इन कर्मचारियों की संख्या 33 रह गई है। बाकी साल दर साल रिटायर हो रहे हैं।

24 तालाब का लक्ष्य, 18 की हुई अब तक पूर्ति
भूमि संरक्षण विभाग को इस साल 24 बलराम तालाब बनवाने का लक्ष्य दिया गया था, इसमें 18 की पूर्ति भी हो गई है। यह कार्य इतना बड़ा नहीं है कि इसके लिए अलग से विभाग संचालित हो। इतना काम तो कृषि विभाग का भारी भरकम अमला भी आसानी से कर सकता है। बलराम तालाब के लिए तकनीक स्वीकृति कृषि उप संचालक देते हैं। जबकि कार्यादेश एएससीओ (सहायक भूमि सरंक्षण अधिकारी) जारी करते हैं। तकनीकि अधिकार सर्वेयर व इनपुट ड्रॉफ्टमेन का रहता है।

अब न बीहड़ समतल हो रहे और न स्टाप डेम व वॉटर टैंक बन रहे
इसी प्रकार से भूमि सरंक्षण विभाग भी ऐसा है, जिसके पास पहले कभी बीहड़ समतलीकरण के साथ स्टाप डेम, वॉटर टैंक निर्माण आदि कार्य रहता था। यह कार्य सन 2010 से पहले से बंद हो गए। अब इस विभाग पर बलराम तालाब की लक्ष्य पूर्ति का काम रह गया है। भिंड व लहार में सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय खुले हुए हैं। इनमें एएससीओ के अलावा सर्वेयर और डीएम पदस्थ हैं। वहीं एडीओ पोस्ट खाली है।

इधर खानसामा की चल रही घर बैठे नौकरी
इधर लोक निर्माण विभाग के एक कर्मचारी की घर बैठे नौकरी चलने का मामला सामने आया है। लोक निर्माण विभाग के खानसामा श्रीकृष्ण परिहार की वर्ष 2015 से तैनाती अटेर रोड स्थित डाक बंगला सर्किट हाउस पर चल रही है। वैसे तो इस सर्किट हाउस पर कोई आता जाता नहीं था। वहीं वर्तमान में यह डाक बंगला की जगह आयुष विभाग को अस्पताल बनाने के लिए दे दी गई है। इसलिए यह सर्किट एक तरह से बंद हो गया है। वहीं खानसामा श्रीकृष्ण परिहार घर बैठे का वेतन पा रहे हैं। जबकि जिले में अटेर, मेहगांव, लहार के सर्किट हाउस पर खानासामा की जरुरत भी बताई जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *