रिकॉर्ड चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे हेमंत सोरेन !

पढ़ाई बीच में छोड़ी, पहला ही चुनाव हार गए; अब रिकॉर्ड चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे हेमंत सोरेन

Hemant Soren: हेमंत सोरेन गुरुवार को चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे। 2009 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में वह दुमका सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। जुलाई 2013 में हेमंत ने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 

jharkhand chief minister Hemant Soren oath 4th time and his political career profile news in hindi

हेमंत सोरेन…
झारखंड में गुरुवार को नई सरकार की ताजपोशी होगी। हालिया विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन गुरुवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। सोरेन को इसी साल 31 जनवरी को जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, जेल से बाहर आने पर हेमंत ने 4 जुलाई को चंपई सोरेन की जगह ली। 23 नवंबर को आए नतीजों के बाद फिर वह मुख्यमंत्री बनेंगे। आइये जानते हैं हेमंत सोरेन और उनके सियासी सफर के बारे में…
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कौन हैं हेमंत सोरेन?
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। वे राज्य के तीन बार के सीएम शिबू सोरेन के बेटे हैं। हेमंत सोरेन के प्रारंभिक जीवन को देखें तो उनका जन्म 10 अगस्त 1975 को शिबू सोरेन और रूपी सोरेन के घर हुआ था। हेमंत ने 1990 में पटना के एमजी हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की। इसके बाद 1994 में पटना हाई स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने रांची के बीआईटी (मेसरा) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया, लेकिन कुछ कारणों से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। पढ़ाई के बाद हेमंत ने इंजीनियरिंग फर्मों के साथ काम किया। हेमंत की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं। हेमंत की पत्नी कल्पना भी इस चुनाव में गांडेय विधानसभा सीट से जीती हैं। 
कैसे रहा हेमंत सोरेन का सियासी करियर?
हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली। उनके पिता शिबू सोरेन खुद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा हेमंत के बड़े भाई दिवंगत दुर्गा सोरेन भी विधायक थे। हेमंत ने 2005 में दुमका से स्टीफन मरांडी के खिलाफ अपना पहला चुनाव लड़ा, जिसमें वे हार गए। जून 2009 में वे राज्यसभा के सदस्य बने। हालांकि, 2009 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में वह दुमका सीट से विधायक चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी।
झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे
अर्जुन मुंडा के तीसरे कार्यकाल में सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक हेमंत झारखंड के उपमुख्यमंत्री रहे। इसके बाद कांग्रेस और राजद के समर्थन से हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए। जुलाई 2013 में उन्होंने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हेमंत का पहला कार्यकाल करीब 17 महीने का रहा। 

इसके बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो को हार झेलनी पड़ी और भाजपा को जीत मिली। हालांकि, सोरेन बरहेट सीट से झामुमो के विधायक चुने गए। उन्होंने रघुबर दास सरकार के दौरान जनवरी 2015 से दिसंबर 2019 तक झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई। 

चुनौती भरा रहा दूसरा कार्यकाल 
झारखंड में पिछला विधानसभा चुनाव 2019 में हुआ था जिसमें हेमंत सोरेन के झामुमो को जीत मिली। इस जीत के बाद झामुमो ने कांग्रेस और राजद के साथ मिलकर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई, जिसके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बने। 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

हेमंत सोरेन का दूसरा कार्यकाल काफी चुनौतियों वाला रहा। 2022 में चुनाव आयोग ने झारखंड के तब के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी जिसमें मांग की गई कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा देकर चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जाए।

हेमंत की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुईं। 31 जनवरी 2024 को भूमि घोटाले के आरोपों के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से ऐन पहले उन्होंने पद से त्यागपत्र दिया। हालांकि, जून महीने में सोरेन को बड़ी राहत के रूप में जमानत मिल गई और 28 जून को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। चंपई सोरेन ने 3 जुलाई 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 4 जुलाई को हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए। 

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झारखंड विधानसभा चुनाव के चर्चित चेहरे….
विधानसभा चुनावों में जीत के बाद चौथी पारी
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हेमंत सोरेन के झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें हासिल करके जीत दर्ज की। महागठबंधन ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटों पर ही सीमित कर दिया। हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से चुनाव लड़ा और भाजपा के गमलील हेम्ब्रोम को 39,791 मतों के अंतर से हराया। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भी गांडेय विधानसभा सीट से जीत हासिल की। अब गुरुवार को शपथ लेने के साथ ही उनकी चौथी पारी शुरू हो रही है। झारखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। इस नए नवेले राज्य के 24 साल के इतिहास में तीन चेहरे तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनमें हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन, भाजपा नेता अर्जुन मुंडा और खुद हेमंत सोरेन शामिल हैं। चौथी बार शपथ लेते  ही हेमंत इस श्रेणी से आगे निकल जाएंगे। 

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