दिल्ली से तौबा-तौबा: हवा में जहर.. विदेशी पर्यटकों ने किया पहाड़ी इलाकों का रुख ?

दिल्ली से तौबा-तौबा: हवा में जहर… विदेशी पर्यटकों ने किया पहाड़ी इलाकों का रुख; ये हिल स्टेशन बने पहली पसंद

देश की राजधानी की हवा में अभी भी हवा में जहर है। जिसकी वजह से विदेशी पर्यटकों ने पहाड़ी इलाकों का रुख किया है। दिल्ली भ्रमण के बजाय पहाड़ी स्टेशनों का विकल्प चुन रहे हैं। देश के विभिन्न राज्यों से आए सैलानियों ने भी राजधानी को अपनी यात्रा सूची से हटा दिया है।

Due to poisonous air Delhi and foreign tourists turned to hilly areas

वायु प्रदूषण – फोटो : Adobe stock

दिल्ली की आबोहवा में जहर घुला हुआ है। प्रदूषण की स्थिति खराब श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में विदेशी पर्यटक राजधानी घूमने के बजाय पहाड़ी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं। प्रदूषण के स्तर में वृद्धि व धुंध इसकी प्रमुख वजह बनी हुई है। इसके चलते वह यात्रा कार्यक्रम में बदलाव करने पर मजबूर हुए हैं। अब वह दिल्ली भ्रमण के बजाय पहाड़ी स्टेशनों का विकल्प चुन रहे हैं।

ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कश्मीर, गोवा व लद्दाख का चयन कर रहे हैं। यही नहीं, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया व मैक्सिको समेत अन्य देश अपने नागरिकों को प्रदूषण से कराह रही राजधानी न जाने की हिदायत दे रहे है।
देश के विभिन्न राज्यों से आए सैलानियों ने भी राजधानी को अपनी यात्रा सूची से हटा दिया है। वह हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पर्यटन स्थलों का दीदार करने पहुंच रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। ऐसे में सर्दियों का लुत्फ उठाने के लिए वह बर्फ के भरे पहाड़ों पर मौज मस्ती के लिए पहुंच रहे हैं। इसका असर प्रगति मैदान में आयोजित विश्व व्यापार मेले में भी देखा जा रहा है। यहां भी अपेक्षा से कम देशी-विदेशी लोग पहुंच रहे हैं। इससे आयोजकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।
इन इलाकों में पर्यटकों की बढ़ी चहलकदमी
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट, राजाजी नेशनल पार्क प्रमुख स्थल हैं। पर्यटक राजधानी देहरादून से 35 किलोमीटर दूर विकासनगर में डाकपत्थर, आसन बैराज, कटा पत्थर, कालसी अशोक शिलालेख पर्यटक पहुंचते हैं। चकराता में लाखामंडल, हनोल, कालसी, टाइगर फाल, रामताल गार्डन, देववन, कोटी कनासर, किमोना फॉल, मुंडाली प्रमुख पर्यटन स्थलों में हैं। हर साल बढ़ती पर्यटकों की संख्या ये साबित करती है कि इन जगहों की खूबसूरती, धार्मिक महत्व और साहसिक गतिविधियों ने न केवल देसी सैलानियों को आकर्षित किया है, बल्कि विदेशी पर्यटकों की भी दिलचस्पी इन स्थानों में बढ़ी है।

विदेशी व देसी पर्यटकों के दिल्ली भ्रमण के लिए न आने का असर टैक्सी, ऑटों पर पड़ने के साथ होटल व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है। पहाड़गंज के होटल चालकों के अनुसार, प्रदूषण से देसी पर्यटकों की संख्या में 50% की गिरावट आई है तो विदेशी पर्यटक भी घटकर 40% तक रह गए हैं। क्योंकि, प्रदूषण की खबर वैश्विक हो गई है। कई आयोजन स्थगित भी हुए हैं । कश्मीरी गेट के ट्रैवल एजेंट रोहित ने बताया कि जिन सैलानियों की दिल्ली आने की योजना थी, वे वायु प्रदूषण के कारण आने से कतरा रहे हैं। ऐसे में काफी संख्या में दिल्ली में होटल की बुकिंग निरस्त हो रही है। यह शुरुआती दौर है, आने वाले दिनों में और असर पड़ेगा।

40% विदेशी तो 50% देसी पर्यटक हुए कम
विदेशी व देसी पर्यटकों के दिल्ली भ्रमण के लिए न आने का असर टैक्सी, ऑटों पर पड़ने के साथ होटल व्यवसाय पर भी देखने को मिल रहा है। पहाड़गंज के होटल चालकों के अनुसार, प्रदूषण से देसी पर्यटकों की संख्या में 50% की गिरावट आई है तो विदेशी पर्यटक भी घटकर 40% तक रह गए हैं। क्योंकि, प्रदूषण की खबर वैश्विक हो गई है। कई आयोजन स्थगित भी हुए हैं । कश्मीरी गेट के ट्रैवल एजेंट रोहित ने बताया कि जिन सैलानियों की दिल्ली आने की योजना थी, वे वायु प्रदूषण के कारण आने से कतरा रहे हैं। ऐसे में काफी संख्या में दिल्ली में होटल की बुकिंग निरस्त हो रही है। यह शुरुआती दौर है, आने वाले दिनों में और असर पड़ेगा।

प्रदूषण के कारण दिल्ली में विदेशी पर्यटकों की आमद कम हो गई है। एफटीए (विदेशी पर्यटक आगमन) नवंबर-दिसंबर में सबसे अधिक होता है, लेकिन इस साल इस अवधि के दौरान पर्यटकों की आमद में 40% तक की कमी आई है। -संजय सम्राट, अध्यक्ष, दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट

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