इस सीट ने दिल्ली को दिए छह सीएम, 1993 से यहां जो विजयी, उसकी ही बनी सरकार ?
जो जीता वही सिकंदर; इस सीट ने दिल्ली को दिए छह सीएम, 1993 से यहां जो विजयी, उसकी ही बनी सरकार
राजधानी दिल्ली की इस सीट पर जो भी जीत दर्ज करता है वही सिकंदर होता है। इस सीट ने दिल्ली को छह बार मुख्यमंत्री दिए हैं। 1993 से जिस दल की यहां जीत हुई। उसकी सरकार बनी है।
लुटियंस की दिल्ली को अपने में समेटे नई दिल्ली विधानसभा सीट राजधानी की सियासत का पावर हाउस साबित हुआ है। अब तक जो भी राजनीतिक दल इस सीट पर काबिज हुआ, वही दिल्ली की सत्ता का सिकंदर रहा है।
दिलचस्प यह कि इस सीट ने दिल्ली का छह बार मुख्यमंत्री दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आप संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी सीट से प्रतिनिधित्व किया है। केजरीवाल अभी इसी सीट से विधायक हैं।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद 1993 में पहले चुनाव हुए थे। उस वक्त नई दिल्ली विधानसभा गोल मार्केट सीट का हिस्सा थी। 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट को मौजूदा वजूद प्राप्त हुआ।
इस बीच दिल्ली में हुए सात चुनाव में तीन-तीन बार कांग्रेस व आप और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की। जिस पार्टी का उम्मीदवार पहले गोल मार्केट और बाद में नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीता, उसकी दिल्ली में सरकार बनी। वहीं, 1998, 2003 व 2008 में शीला दीक्षित और 2013, 2015 व 2020 में अरविंद केजरीवाल ने इस सीट पर जीतकर लगातार तीन-तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री भी बने।
नई दिल्ली देश की सत्ता का भी केंद्र
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, मंडी हाउस समेत केंद्र सरकार के मंत्रालयों के दफ्तर, प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों व सांसदों के आवास भी हैं। दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस, जनपथ व गोल मार्केट भी इसी सीट का हिस्सा है। अंग्रेजों के समय में बसाई गई लुटियंस की दिल्ली को यह विधानसभा अपने में समेटे है। यह वही इलाका है, जिसकी चमक अंग्रेजों के समय से अभी तक कायम है। इसे देश की सत्ता का प्रतीक भी माना जाता है।
नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, इंडिया गेट, मंडी हाउस समेत केंद्र सरकार के मंत्रालयों के दफ्तर, प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों व सांसदों के आवास भी हैं। दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस, जनपथ व गोल मार्केट भी इसी सीट का हिस्सा है। अंग्रेजों के समय में बसाई गई लुटियंस की दिल्ली को यह विधानसभा अपने में समेटे है। यह वही इलाका है, जिसकी चमक अंग्रेजों के समय से अभी तक कायम है। इसे देश की सत्ता का प्रतीक भी माना जाता है।
नई दिल्ली विधानसभा सीट की बसावट
आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वाल्मीकि मंदिर से आंदोलन का संचालन किया करते थे। इस वक्त शासकीय तबके के अलावा यहां नौकरशाहों की संख्या ज्यादा है। ज्यादातर केंद्रीय कर्मचारी इसी इलाके में रहते हैं। सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, कालीबाड़ी समेत कई आवासीय कालोनियां हैं। वहीं, तुगलक लेन, पेशवा रोड, खडग सिंह मार्ग समेत दूसरी कई जगहों पर जेजे क्लस्टर हैं। दोनों तबकों का इस सीट की सियासत पर गहरा असर रहता है। प्रत्याशी की जीत-हार तय करने में यह अहम भूमिका निभाते हैं।
आजादी की लड़ाई में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी वाल्मीकि मंदिर से आंदोलन का संचालन किया करते थे। इस वक्त शासकीय तबके के अलावा यहां नौकरशाहों की संख्या ज्यादा है। ज्यादातर केंद्रीय कर्मचारी इसी इलाके में रहते हैं। सरोजनी नगर, नौरोजी नगर, कालीबाड़ी समेत कई आवासीय कालोनियां हैं। वहीं, तुगलक लेन, पेशवा रोड, खडग सिंह मार्ग समेत दूसरी कई जगहों पर जेजे क्लस्टर हैं। दोनों तबकों का इस सीट की सियासत पर गहरा असर रहता है। प्रत्याशी की जीत-हार तय करने में यह अहम भूमिका निभाते हैं।
समस्याओं पर बोले दिल्लीवासी
सर्दी में दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है। हर साल की यह कहानी बन गई है पर किसी सरकार के पास इसे नियंत्रित करने का ठोस उपाय नहीं है। प्रदूषण कम करने और यमुना को फिर से जीवंत करने की जरूरत है। -प्रज्ञा सैनी, निवासी, लक्ष्मी बाई नगर
सर्दी में दिल्ली गैस चैंबर बन जाती है। हर साल की यह कहानी बन गई है पर किसी सरकार के पास इसे नियंत्रित करने का ठोस उपाय नहीं है। प्रदूषण कम करने और यमुना को फिर से जीवंत करने की जरूरत है। -प्रज्ञा सैनी, निवासी, लक्ष्मी बाई नगर
सड़क और पार्क
की स्थिति बेहद खराब है। पटेल नगर, राजेंद्र नगर में बाहर से भी छात्र पढ़ने आते हैं। लेकिन, छात्रों के लिए कोई योजना नहीं है। इस पर सरकार को काम करना चाहिए। -आशुतोष मिश्रा निवासी, पटेल नगर
की स्थिति बेहद खराब है। पटेल नगर, राजेंद्र नगर में बाहर से भी छात्र पढ़ने आते हैं। लेकिन, छात्रों के लिए कोई योजना नहीं है। इस पर सरकार को काम करना चाहिए। -आशुतोष मिश्रा निवासी, पटेल नगर
नई दिल्ली इलाके की कई सड़कों पर रात के समय अंधेरा हो जाता है। यहां अक्सर स्ट्रीट लाइट खराब रहती है। ऐसे में रात को आने में डर बना रहता है। सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। यह ठीक होनी चाहिए। -पुनीत आचार्य, निवासी आईएनए