पंजाब के भूमिगत जल में यूरेनियम के साथ ही फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है, जो दांतों व हड्डियों को कमजोर कर सकता है। प्रदेश के 17 जिले पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा से बुरी तरह प्रभावित हैं।
छह जिले पहले ही पानी में यूरेनियम की अधिक मात्रा से जूझ रहे हैं, जिसे कैंसर के केस बढ़ने का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। राज्य सरकार की तरफ से इन जिलों में ट्यूबवेलों की सूची भी तैयार की जा रही है, ताकि इनको बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा की जानकारी जल शक्ति मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट में की गई है।
मंत्रालय की तरफ से पेश केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, नवांशहर, पटियाला, संगरूर, मोहाली और तरनतारन में स्टडी के दौरान पानी में अधिक फ्लोराइड से प्रभावित पाए गए थे। बोर्ड की तरफ से 922 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से 127 में फ्लोराइड की मात्रा अधिक 1.5एमजी/एल पाई गई थी। इसी तरह 13.77 प्रतिशत सैंपल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा सामने आई थी।