अंचल के 375 कॉलेजों में कक्षाएं लगीं या नहीं ?

अंचल के 375 कॉलेजों में कक्षाएं लगीं या नहीं हकीकत जानने नहीं निकला जेयू का उड़नदस्ता
ग्वालियर …
  • उड़नदस्ता को यह जांच करनी थी

साल 2024 विदाई की ओर है। तीन माह बाद सत्र 2024-25 का समापन हो जाएगा। इसके बाद नए सत्र की संबद्धता देने व प्रवेश प्रक्रिया की तैयारी शुरू हो जाएगी। लेकिन जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध लगभग 375 कॉलेजों की जांच के लिए उड़नदस्ता अब तक फाइल से बाहर नहीं निकला है। एक साल में केवल एक निजी कॉलेज की जांच के लिए उड़नदस्ता में शामिल प्रोफेसर गए थे।

इसके बाद से कॉलेजों की जांच करने के लिए एकेडमिक उड़नदस्ता के सदस्य जेयू परिसर से बाहर नहीं निकले। जिससे यह पता चल सके कि अंचल के कॉलेजों में पढ़ने वाले लगभग 1.50 लाख छात्रों की कक्षाएं लग रहीं हैं या नहीं। दरअसल, जेयू में अक्सर प्रदर्शन करने वाले छात्र संगठनों का आरोप रहता है कि कॉलेजों में छात्रों की कक्षाएं नहीं लग रहीं। छात्र केवल प्रवेश के समय आते हैं जबकि उनकी अटेंडेंस पूरी करने के नाम पर निजी कॉलेज मोटी रकम वसूल करते हैं।

सबसे अधिक कक्षाएं नहीं लगने की शिकायत बीएड कॉलेजों में आती हैं। इतना ही नहीं नर्सिंग की तरह बीएड कॉलेजों में फर्जीवाड़ा कर अलग-अलग कोर्स संचालित करने की शिकायतें जेयू के अफसरों को मिल चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई करने से अफसर बचते हैं। एकेडमिक उड़नदस्ता में यह प्रोफेसर शामिल एकेडमिक उड़नदस्ता में प्रोफेसर डॉ. नवनीत गरुण, प्रो. एसके सिंह, डीसीडीसी प्रो. शांतिदेव सिसौदिया व अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. के. रत्नम को शामिल हैं । जिससे यह पता चल सके कि जिन कॉलेजों को संबद्धता जेयू ने जारी की है, वहां पढ़ाई अच्छी चल रही है या नहीं।

जांच के लिए कॉलेजों में भेजेंगे उड़नदस्ता

एकेडमिक उड़नदस्ते कॉलेजों की जांच करने के लिए इसलिए नहीं जा सका क्योंकि वह काम काज में व्यस्त थे। अब जांच दल में शामिल प्रोफेसरों को कॉलेजों की एकेडमिक व्यवस्था देखने के लिए भेजा जाएगा। कमियां मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. अरुण चौहान, कुलसचिव, जेयू मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी लीड कॉलेजों को दी है

निजी कॉलेजों में नियमित रूप से छात्रों की कक्षाएं लग रहीं हैं या नहीं। इसकी मॉनीटरिंग के लिए लीड कॉलेज के प्राचार्यों को निर्देशित किया जा चुका है। लीड कॉलेज के प्राचार्यों की रिपोर्ट के आधार पर निजी कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। डॉ. के. रत्नम, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा

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