आरटीओ के दस्ते की भूमिका पर सवाल ?
भिंड जिला प्रशासन ने ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इन वाहनों के कारण न केवल सड़कों को क्षति पहुंच रही थी, बल्कि चंबल पुल की फिटनेस पर भी खतरा मंडरा रहा था। प्रशासन ने ऐसे वाहनों की अतिरिक्त बॉडी को गैस कटर से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
चंबल पुल की फिटनेस पर मंडरा रहा खतरा
पिछले दो वर्षों से चंबल पुल के सस्पेंसर ओवरलोड वाहनों के दबाव में आ रहे हैं। इसके चलते पुल के ढांचे में लगातार दरारें बढ़ रही हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा और मध्य प्रदेश के भिंड जिलों की प्रशासनिक चिंताएं इस समस्या को लेकर बढ़ती जा रही है। पुल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों जिलों ने समय-समय पर भारी वाहनों को पुल पर प्रतिबंधित भी किया है। बावजूद इसके, भिंड की ओर से रेत और गिट्टी के ओवरलोड वाहन यूपी की ओर परिवहन कर रहे थे।
भिंड कलेक्टर का सख्त रुख
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने हाईवे और चंबल पुल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उनके निर्देश पर माइनिंग विभाग ने वाहनों को रोककर उनकी बॉडी की जांच की और ओवरलोड वाहनों की अतिरिक्त बॉडी को कटवाने का काम शुरू किया। इस कार्रवाई में अब तक 8-10 वाहनों की बॉडी को काटा जा चुका है।

आरटीओ के दस्ते की भूमिका पर सवाल
कार्रवाई के दौरान यह बात सामने आई कि कई डंपर बिना नेशनल परमिट के दौड़ रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया कि आरटीओ विभाग की निष्क्रियता के कारण यह समस्या बढ़ी है। कई वाहनों की बॉडी बनाते समय ही उन्हें ओवरलोडिंग के लिए तैयार किया गया था। प्रशासन को इन वाहनों की चेकिंग के दौरान दस्तावेजों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और खनिज विभाग के अधिकारियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में ऐसे वाहन सड़क पर न उतरें। खनिज विभाग ने डंपरों की क्षमता की जांच की और अतिरिक्त बॉडी हटाने का काम किया।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने ……से कहा, “भिंड जिले में माइनिंग के अवैध कारोबार को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। ओवरलोड वाहनों के कारण सड़क और पुल की स्थिति खराब हो रही है। इसलिए अतिरिक्त बॉडी वाले डंपरों पर कार्रवाई अनिवार्य है।”
भिंड प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम न केवल चंबल पुल की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं, बल्कि सड़कों को बचाने और यातायात को सुरक्षित बनाने में भी सहायक होंगे। हालांकि, आरटीओ विभाग के उड़न दस्ते की निष्क्रियता से ओवरलोड वाहन सड़क पर दौड़ते दिख रहे हैं।