यूपी: 70 फीसदी राज्य कर्मियों ने दिया संपत्ति का ब्योरा

यूपी: 70 फीसदी राज्य कर्मियों ने दिया संपत्ति का ब्योरा, एसीआर के लिए एक सप्ताह का और मांगा समय

UP State Employees: यूपी में 70 फीसदी कर्मचारियों ने 31 जनवरी तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर दे दिया है। 

UP: 70 percent state employees gave property details, asked for one more week's time for ACR

बढ़ाई जा सकती है ब्योरा देने की तिथिनियुक्ति विभाग ने संपत्ति का ब्योरा देने और एसीआर के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी तय की थी। प्रदेश में राज्य कर्मियों की कुल संख्या 8.32 लाख है। नियुक्ति विभाग के अनुसार, 31 जनवरी की रात 8 बजे तक 5.82 लाख कर्मचारियों व अधिकारियों ने पोर्टल पर संपत्ति का ब्योरा अपलोड कर दिया था। शासन के सूत्रों के मुताबिक, संपत्ति का ब्योरा देने और एसीआर, दोनों के लिए अंतिम तिथि आगे बढ़ाई जा सकती है।

तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति का रास्ता साफ

प्रदेश में 2016 बैच के नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। इस संबंध में दायर याचिका को निस्तारित करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह 2016 बैच से संबंधित याचियों की प्रोन्नति पर विचार करे। साथ ही कोर्ट ने 23 जनवरी 2024 के अपने उस आदेश को भी समाप्त कर दिया है, जिसके द्वारा 2016 बैच के नायब तहसीलदारों की प्रोन्नति पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी।

न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकलपीठ ने यह फैसला आशुतोष पांडेय, सिद्धांत पांडे व अन्य की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करके दिया। याचियों की ओर से अधिवक्ताओं की दलील थी कि 11 जनवरी 2016 के विज्ञापन के क्रम में याचियों ने नायब तहसीलदार की भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण की। हालांकि, उनका नियुक्ति पत्र जारी करने में राज्य सरकार की ओर से विलंब हुआ। जिसकी वजह से याचियों का वरिष्ठता क्रम नीचे हो गया। इस वजह से 10 नवंबर 2023 को राजस्व परिषद द्वारा सरकार को भेजी गई प्रोन्नति सूची में उनका नाम नहीं आया।

वहीं राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी की दलील थी कि प्रदेश में तहसीलदारों की कमी है, वर्तमान में 380 पद रिक्त चल रहे हैं, सरकार सभी पात्र अभ्यर्थियों की प्रोन्नति पर विचार के लिए तैयार है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में राजस्व परिषद द्वारा सरकार को 17 अक्टूबर 2024 को एक प्रस्ताव भी भेजा गया, जिसके द्वारा तहसीलदार के पद पर प्रोन्नति की शर्तों को शिथिल किया जाना है। कहा गया कि यदि प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो सभी याचियों की प्रोन्नति संभव हो जाएगी। इस पर कोर्ट ने प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का भी आदेश सरकार को दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *