इस बार राजनीतिक दलों ने मुफ्त के वादों का बनाया रिकॉर्ड, आज बारी जनता की

Delhi Assembly Elections 2025 :….

इस बार राजनीतिक दलों ने मुफ्त के वादों का बनाया रिकॉर्ड, आज बारी जनता की

होड़ ऐसी लगी कि दो साल में हुए आठ राज्यों के विधानसभा चुनावों का रिकाॅर्ड दिल्ली में टूट गया। वादों में कहीं पीछे न रह जाएं इसके लिए भाजपा, कांग्रेस व आप ने अपने घोषणापत्र एक साथ न जारी कर टुकड़ों में जारी किए हैं।
This time political parties made a record of free promises, today it is the public's turn

विधानसभा चुनाव में फ्री की घोषणाएं करने में इस बार सभी दल आगे रहे। होड़ ऐसी लगी कि दो साल में हुए आठ राज्यों के विधानसभा चुनावों का रिकाॅर्ड दिल्ली में टूट गया। वादों में कहीं पीछे न रह जाएं इसके लिए भाजपा, कांग्रेस व आप ने अपने घोषणापत्र एक साथ न जारी कर टुकड़ों में जारी किए हैं। अब यह देखना है बुधवार को मतदाता किस राजनीतिक दल के लुभावने वादे पर भरोसा जताते हैं। इस पर करीब पूरे देश की नजर होगी। वादों का कितना असर दिखा, यह 8 फरवरी को परिणाम आने के बाद ही पता चल जाएगा।

दरअसल, वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, मिजोरम के चुनाव में कई वादे हुए थे। इसके बाद 2024 में पहले हरियाणा फिर झारखंड, महाराष्ट्र के चुनाव में वादों की झड़ी राजनीतिक दलों ने लगाई, लेकिन इन राज्यों के वादे दिल्ली में किए गए वादों की तुलना में पीछे छूट गए हैं। दिल्ली में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा, घर, रसोई गैस, यातायात फ्री समेत तकरीबन आम जनमानस से जुड़ी हरजरूरत को फ्री करने के वादे हुए हैं। महिलाओं को प्रति महीने फ्री में पैसे देने, गर्भवती को पैसे देने व पुजारी-ग्रंथी को प्रति महीने पैसे जैसे कई वादे शामिल हैं।

पिछले दो साल में हुए विधानसभा चुनाव के जो परिणाम आए हैं, उनमें फ्री के वादों का असर वोट हासिल करने में अहम माना गया, लेकिन मतदाताओं ने सिर्फ वादे ही नहीं देखे। हरियाणा में फ्री के वादे में कांग्रेस भाजपा की तुलना में आगे थी, लेकिन सरकार भाजपा की बनी। वहीं झारखंड में भाजपा वादों की झड़ी लगाकर भी जीत हासिल नहीं कर पाई थी।

दक्षिण से मानी जाती है चुनाव में मुफ्त के वादों की शुरुआत
चुनाव के दौरान मुफ्त के वादों की शुरुआत दक्षिण से मानी जाती है। यहीं से देश की राजनीति में यह ट्रेंड शुरू हुआ। साल 2006 में डीएमके ने वहां गरीबों को टीवी सेट और 2 रुपये किलो चावल देने का वादा किया। इसके बाद हुए चुनाव में करुणानिधि सत्ता में आए। आगे चलकर जयललिता ने भी दो रुपये किलो चावल की घोषणा की।

माना जाता है कि इस वादे से वे सत्ता में आईं थीं। इसी तरह महिलाओं को फ्री में प्रति महीने फ्री में रुपये देने की शुरुआत सबसे पहले मध्यप्रदेश से हुई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रति महीने 1000 रुपये देने की शुरुआत की थी। इसके बाद 2023 में हुए चुनाव के जो परिणाम आए उस पर इसका असर माना गया। दिल्ली में फ्री की शुरुआत 2013 में आप सरकार ने बिजली, पानी फ्री की घोषणा से की थी।

 

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