ग्वालियर-चंबल के 812 स्कूलों का बंद होना तय, संकट में RTE छात्र

ग्वालियर-चंबल के 812 स्कूलों का बंद होना तय, संकट में RTE छात्र

सरकार ने नियमों में रियायत नहीं दी तो एक अप्रैल से नया शिक्षण सत्र चालू होते ही अंचल के 812 स्कूलों में ताले पड़ जाएंगे। ऐसी स्थिति स्कूल संचालकों द्वारा मान्यता ​नवीनीकरण के लिए आवेदन न करने से बनी है। इन स्कूलों में लगभग 41 हजार छात्र वर्तमान में अध्ययनरत हैं। दूसरी तरफ बंद हो रहे स्कूलों से आरटीई के छात्रों की शिफ्टिंग को लेकर विभाग की अभी तक न कोई नीति तय है न प्लान। नियमों में यह प्रावधान जरूर है कि ऐसे छात्र पास के सरकारी या अनुदान प्राप्त स्कूल में अन्य सामान्य छात्रों की तरह दाखिला ले सकते हैं। मौजूदा हालात में सर्वाधिक चिंतित मजदूर या छोटी-मोटी प्राइवेट नौकरी वाले परिवारों के आरटीई कोटे से पढ़ रहे बच्चे व पालक हैं।

गुढ़ा क्षेत्र में रहने वाले विनोद दिहाड़ी मजदूर हैं। रोज की कमाई 400-500 रुपए है। इनकी दो बेटी हैं। करिश्मा पास के न्यू शारदा स्कूल में कक्षा 3 में और कशिश कक्षा 1 में आरटीई के तहत पढ़ रही हैं। स्कूल बंद होने की खबर मिलने पर विनोद ने कहा कि वे फीस देकर बच्चों को पढ़ाने की स्थिति में नहीं है। सरकारी स्कूल दूर है, बच्चे छोटे हैं। वहां तक उनका रोज कैसे आना जाना होगा? नंद किशोर जाटव भी पेशे से श्रमिक हैं। इनके तीन बच्चे आरटीई के तहत पढ़ रहे हैं। उनकी चिंता है कि किसी दूसरे प्राइवेट स्कूल में फीस कैसे देंगे।

वहीं इस संबंध में न्यू शारदा विद्यापीठ के पुरुषोत्तम सिंह राजावत ने कहा ​कि 75 छात्र हैं, इनमें से 15 आरटीई के तहत पढ़ रहे हैं। रजिस्टर्ड किराया नामा न होने से मान्यता नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं कियाो। अब स्कूल बंद कर रहे हैं। डैफोडिल्स स्कूल के प्रबंधन ने कहा कि स्कूल चैरिटी में 25 साल से चल रहा है। पालक फीस नहीं देते, शिकायत करते हैं। स्कूल में आरटीई के तहत 18 बच्चे अध्ययनरत हैं। तंग आकर स्कूल बंद करना पड़ रहा है।

देखें… कहां कितने स्कूल बंद होंगे

जिला स्कूल संख्या

ग्वालियर 168

शिवपुरी 83

दतिया 56

गुना 115

जिला स्कूल संख्या

अशोकनगर 27

भिंड 155

मुरैना 179

श्योपुर 29

{ठगे जा सकते हैं पालक-छात्र: बंद हो रहे अधिकतर स्कूलों ने पालक को अभी सूचना नहीं दी है। संभव है कि कुछ संचालक सरकार से रियायत के इंतजार में छात्रों को प्रवेश दे दें। यदि इन्हें रियायत नहीं मिली तो फिर पालक-छात्र परेशान होंगे, वे ठगी का शिकार हो जाएंगे।

{टीसी, रिकॉर्ड में दिक्कत- बंद हो रहे कुछ स्कूलों के संचालकों ने कहा कि कई पालकों पर फीस बकाया है। पैसा लिए बिना वे टीसी कैसे देंगे ? स्कूल बंद होने पर यहां के छात्र को आगे कभी पुराने रिकॉर्ड की जरूरत होने पर भी परेशानी होना पड़ेगा। क्योंकि विभाग बंद हो चुके स्कूल पर किसी तरह का दबाव नहीं बना सकेगा।

{पालकों पर बढ़ेगा खर्च- बंद हो रहे स्कूलों के छात्र आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे स्कूलों में प्रवेश लेंगे। ऐसी स्थिति में उनके पालकों का खर्च बढ़ना तय है। इन्हें नए स्कूलों में प्रवेश लेने के बाद वहां की किताब-ड्रेस आदि खरीदनी होगी। जो स्कूल दूर होंगे वहां कन्वेंस आदि का खर्च भी पालकों को वहन करना होगा।

ग्वालियर में बंद हो रहे 168 स्कूलों में 8 हजार से ज्यादा छात्र

पहली बार इतने स्कूल हो रहे हैं बंद,शासन के निर्देश का इंतजार

आरटीई छात्र के दूसरे प्राइवेट स्कूल में फ्री पढ़ाई का नियम नहीं

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