सौरभ व उसकी मां उमा पर FIR !

शपथ पत्र दिया था,घर में कोई सरकारी नौकरी में नहीं
फर्जी तरीके से अनुकंपा नियुक्ति, सौरभ व उसकी मां उमा पर FIR

परिवहन विभाग का पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा व उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। सौरभ व उसकी मां उमा ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए शपथ पत्र में झूठी जानकारी दी थी। दोनों ने शपथ पत्र में बताया था कि उनके परिवार में किसी की भी सरकारी नौकरी नहीं हैं।

जबकि सौरभ का भाई छत्तीसगढ़ में शासकीय सेवा में था। सिरोल थाने में परिवहन उपायुक्त किरण शर्मा की रिपोर्ट पर थाना प्रभारी आलोक भदौरिया ने मां-बेटे पर एफआईआर दर्ज की। सौरभ भोपाल जेल में हैं।सौरभ के भोपाल स्थित आवास पर लोकायुक्त टीम ने दिसंबर में छापामार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त कार्रवाई के बाद ईडी ने भी कार्रवाई की थी जिसमें एक 52 किलो सोना व 11 करोड़ रुपए की नगदी बरामद हुई थी।

शिकायत पर केस दर्ज ^परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति के मामले में झूठा शपथ पत्र देने पर परिवहन विभाग के उपायुक्त ने शिकायत की थी। इस पर प्रकरण दर्ज किया गया है।– धर्मवीर सिंह, एसएसपी

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आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और मां पर FIR
छोटे बेटे की अनुकंपा नियुक्ति के लिए छिपाई बड़े बेटे की सरकारी नौकरी

आरटीओ के पूर्व करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा केस में अब पांचवीं जांच एजेंसी की एंट्री हो गई है। लोकायुक्त, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), आयकर विभाग और डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के बाद अब ग्वालियर पुलिस ने सौरभ शर्मा और उसकी मां उमा शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

परिवहन विभाग की तरफ से सौरभ और उमा शर्मा के खिलाफ ग्वालियर के सिरोल थाना में शुक्रवार रात करीब साढ़े 11 बजे धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है। साल 2016 में परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति लेते समय सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा ने शपथ पत्र में बड़े भाई सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी।

सौरभ की नियुक्ति को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू पहले ही लोकायुक्त में शिकायत कर चुके थे। बता दें कि दैनिक भास्कर 20 दिन पहले ही खुलासा कर चुका था कि सौरभ पर झूठे शपथ पत्र में मामला दर्ज होने वाला है।

सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी। साथ में वह कार, जिसमें सोना-कैश मिला था।
सौरभ शर्मा और उसकी पत्नी। साथ में वह कार, जिसमें सोना-कैश मिला था।

सचिन शर्मा की छत्तीसगढ़ में नौकरी की पुष्टि

पुलिस को दिए आवेदन के मुताबिक, सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) किरन कुमार को एक जनवरी 2025 को संयुक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की ओर से एक पत्र मिला था। जिसमें सेवानिवृत परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति को लेकर दिए गए शपथ पत्र की जांच के निर्देश थे।

सहायक परिवहन आयुक्त (शिकायत) ने जांच की और सर्विस रिकॉर्ड मंगाया। सौरभ शर्मा ने शपथ पत्र में यह जिक्र नहीं किया कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की नियुक्ति के लिए उसकी मां उमा शर्मा ने भी शपथ पत्र दिया था। जिसमें बड़े बेटे की सरकारी नौकरी की बात छिपाई थी।

जांच के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग में संपर्क किया गया और वेबसाइट से कर्मचारियों की सूची निकाली तो वहां सौरभ के बड़े भाई सचिन शर्मा के सड़क विकास निगम रायपुर में तैनात होने की पुष्टि हुई। जिससे शपथ पत्र झूठे होने का प्रमाण मिला है।

 

जानिए, कौन सी एजेंसी क्या जांच कर रही?

परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस में ईडी मनी ट्रेल और प्रॉपर्टी के दस्तावेज, तो इनकम टैक्स विभाग सौरभ के दोस्त चेतन सिंह गौर की गाड़ी से मिले 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए की जांच कर रही है।

लोकायुक्त आय से ज्यादा संपत्ति की जांच तो डीआरआई इस बात की जांच कर रही है कि जो सोना मिला है, वो लीगल तरीके से लिया गया है या नहीं? काली कमाई को कॉलोनी बनाने में खपाए जाने का कनेक्शन भी जांच एजेंसियों को मिला है।

अब ग्वालियर पुलिस ने सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।

कार में मिला था 11 करोड़ कैश और 52 किलो गोल्ड

सौरभ शर्मा दिसंबर 2024 में तब चर्चा में आया था, जब लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने उसके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। इसी दौरान भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार से 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो गोल्ड जब्त किए गए थे। इसका लिंक भी सौरभ से जुड़ा था। इसके बाद सौरभ और उसके सहयोगियों की बेशुमार संपत्ति सामने आई थी।

हालांकि, अब तक हुई पूछताछ में सौरभ शर्मा ने यह स्वीकार नहीं किया है कि मेंडोरी में इनोवा कार में मिला सोना और कैश उसका है। ऐसे में आयकर अफसरों के सामने यह परेशानी है कि कैश और गोल्ड के मालिक को सामने लाएं और अपनी जांच रिपोर्ट फाइल करें।

मेंडोरी के जंगल से इनोवा कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त किया गया था।
मेंडोरी के जंगल से इनोवा कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश जब्त किया गया था।

ग्वालियर में झूठे शपथ पत्र पर हुई नियुक्ति की शिकायत\ आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू के मुताबिक, सौरभ ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन में परिवार के सदस्यों के कॉलम में अपने भाई की जानकारी छिपाई थी। सौरभ ने नहीं बताया था कि उसका बड़ा भाई सचिन शर्मा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी में है। सौरभ की मां उमा शर्मा ने आवेदन में सहमति कॉलम पर हस्ताक्षर किए थे।

ग्वालियर के तत्कालीन चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) अनूप कमठान ने इस आवेदन को वेरिफाई किया था। RTI कार्यकर्ता संकेत साहू ने इस आवेदन पर सौरभ और तत्कालीन सीएमएचओ सहित अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग की थी।

ग्वालियर में 27 दिसंबर को ईडी ने छापेमारी की थी\

27 दिसंबर 2024 की सुबह 5 बजे ईडी की टीम ने ग्वालियर के विनय नगर स्थित सौरभ शर्मा के घर पर छापा मारा था। टीम ने दिनभर की कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे, जिन्हें बैग में भरकर ले जाया गया था। छापामार कार्रवाई में ईडी को जानकारी मिली थी कि सौरभ शर्मा की मां ने हाल ही में हाईवे पर करोड़ों की जमीन बेची थी।

टीम इस सौदे की सटीक राशि और लेन-देन की प्रक्रिया की जांच कर रही थी। इसके अलावा सिटी सेंटर में उमा शर्मा के नाम पर कई संपत्तियां मिली थीं। इनमें एक व्यवसायिक बिल्डिंग शामिल थी, जहां थंब, टीबीआर और हैश टैग पब संचालित होते हैं। ग्वालियर SSP धर्मवीर सिंह ने बताया-

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सिरोल थाना में आरोपी पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उसकी मां के खिलाफ शपथ पत्र में तथ्य छुपाकर छल करने का केस दर्ज किया गया है।

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