योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे !

योगी सरकार के आठ साल की उपलब्धियों पर सवार होकर बीजेपी 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने की रखेगी आधार

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 8 साल पूरे किए हैं. इस दौरान कानून-व्यवस्था में सुधार, कृषि विकास, रोजगार सृजन और महिला सुरक्षा पर जोर दिया गया. सरकार ने अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया है और 2027 के चुनावों के लिए गांव-गांव तक अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने की योजना बनाई है. इस रणनीति से बीजेपी सत्ता में अपनी हैट्रिक लगाने का प्रयास करेगी.

योगी सरकार के आठ साल की उपलब्धियों पर सवार होकर बीजेपी 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने की रखेगी आधार

योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी सरकार ने आठ साल का सफर तय कर लिया है. बीजेपी 14 साल के वनवास को खत्म करके 2017 में सूबे की सत्ता में लौटी थी और योगी आदित्यनाथ के सिर सत्ता का ताज सजा था. सत्ता में आठ साल पूरे होने पर सीएम योगी ने सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति पर कायम रहते हुए अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जारी किया. योगी सरकार की उपलब्धियों पर सवार होकर बीजेपी 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए सियासी आधार तैयार करेगी, जिसकी रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है.

सीएम योगी के साथ ही दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सुरेश खन्ना और सूर्य प्रताप शाही के साथ ही सहयोगी दल के नेता सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर, निषाद पार्टी के संजय निषाद और अपना दल (एस) के आशीष पटेल मौजूद रहे. इस दौरान सीएम योगी ने अपनी सरकार की आठ साल की उपलब्धियों को जिक्र करते हुए सरकार के आठ साल के कामकाज को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया.

सीएम ने गिनाई आठ साल की उपलब्धियांसीएम योगी ने सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में राज्य में 8 साल के दौरान आए व्यापक परिवर्तन का जिक्र करते हुए अन्नदाता किसानों से लेकर महिलाओं तक के लिए सरकार की तरफ से किए गए कार्य का उल्लेख किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर अपराधियों के खिलाफ चलाए गए अभियान तक का जिक्र किया. मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि 2017 में सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश की पहचान एक बीमारू राज्य के तौर पर होती थी. पिछले आठ वर्षों में सरकार ने प्रदेश की छवि को पूरी तरह बदल दिया है और आज उत्तर प्रदेश की पहचान देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर होती है.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की बेटियां असुरक्षित थीं, प्रदेश में अराजकता का तांडव हो रहा था, किसान आत्महत्या कर रहे थे. प्रदेश में दंगे हो रहे थे. जब हम सत्ता में आए तो किसानों के लिए काम किया. आज बेटियां सुरक्षित महसूस कर रही हैं. आज यूपी दंगा मुक्त प्रदेश बन गया है. वही अधिकारी हैं, वही सिस्टम है, लेकिन अब पहचान बदल गई है. यूपी की पिछली सरकारों में जो काम 22 साल में नहीं किया, वह हमारी सरकार ने आठ सालों में कर दिया.

पिछले आठ सालों में साढ़े सात लाख से अधिक नौजवानों को बिना भेदभाव और भ्रष्टाचार के सरकारी नौकरी देने की बात कही, तो साथ ही 222 बदमाशों को पुलिस एनकाउंटर में ढेर किए जाने का जिक्र किया. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि 171 रोहिंग्या मुसलमानों को पकड़ा गया है. 130 आतंकी गिरफ्तार हुए. अब तक 20 हजार 221 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं. एनकाउंटर में 20 हजार से ज्यादा इनामी बदमाश भी पकड़े गए. गैंगस्टर एक्ट में 142 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई. साथ ही महाकुंभ इसका ज्वलंत उदहारण है, जहां 45 दिनों में न लूटपाट, न छेड़खानी, न चोरी और न ही किसी प्रकार की आपराधिक घटना हुई. प्रदेश वही, तंत्र वही, केवल सरकार बदलने से व्यवस्था बदली.

सीएम ने कहा कि 2017 के पहले किसान आत्महत्या करता था. कृषि सेक्टर में एक वीरानी छाई हुई थी. अब व्यापक बदलाव हुए. कृषि विकास दर 13.5 फीसदी से अधिक हुई, इससे प्रदेश के जीडीपी में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हमारी पहली कैबिनेट में 36 हजार करोड़ रुपए की किसान कर्जमाफी की गई. सिंचाई क्षेत्र में व्यापक बढ़ोतरी हुई. वर्षों से सिंचाई परियाजनाएं लंबित पड़ी थी, हमने इन्हें शुरू किया. 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा मिली. गन्ना किसानों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. 2017 से अब तक 2 लाख 80 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किया गया. पिछली सरकारों के 22 वर्ष के कुल भुगतान से 60 हजार करोड़ से ज्यादा भुगतान हमने 8 वर्ष में किया.

बीजेपी गांव-गांव बनाएगी सियासी माहौलयोगी सरकार के 8 वर्ष की उपलब्धियों को लेकर बीजेपी गांव-गांव सियासी माहौल बनाएगी. उत्तर प्रदेश के हर जिले और गांव में बीजेपी ने उत्सव का जश्न मनाने का प्लान बनाया है. प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक, जिलों के प्रभारी समेत सभी कार्यकर्ता ‘उत्तर प्रदेश का उत्कर्ष-भाजपा सरकार के 08 वर्ष’ का संदेश लेकर जिलों से गांवों तक पहुंचेंगे. बीजेपी का यह उत्सव कार्यकर्म 24 मार्च से 14 अप्रैल तक प्रदेश में बूथ से लेकर जिला मुख्यालयों में आयोजित होगा. जिला स्तर पर 24 मार्च से कार्यशालाएं भी आयोजित करने की रणनीति बनाई है. सीएम योगी 25 मार्च को गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. मुख्यमंत्री 26 अप्रैल को आगरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे.

बीजेपी के इस अभियान के तहत जिला स्तर के लाभार्थी मेले आयोजित किए जाएंगे. घर-घर संपर्क के माध्यम से भी सरकार की योजनाओं और साहसिक व ऐतिहासिक निर्णयों को घर-घर व जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा. विधानसभा स्तर पर विकास गोष्ठियां भी आयोजित की जाएंगी. युवा मोर्चा जिले में सरकार की प्रमुख परियोजनाओं पर बाइक रैलियों के माध्यम से पहुंचेगा. जिला स्तर पर प्रबुद्ध वर्ग के बीच सम्मेलनों के माध्यम से सरकार की 8 वर्ष की उपलब्धियों पर संवाद किया जाएगा. ग्राम सभा स्तर पर महिला मोर्चा महिलाओं के बीच पहुंचकर संवाद करेगी. 14 अप्रैल बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दलित समुदाय को सियासी संदेश देगी.

2027 में सत्ता की हैट्रिक लगाने का रखेगी आधारउत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में भले ही दो साल हैं, लेकिन बीजेपी ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. पार्टी के सामने चुनौती विपक्ष इंडिया गठबंधन, खासकर सपा के पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए पॉलिटिक्स के काउंटर करने की है. लोकसभा चुनाव 2024 में पीडीए पॉलिटिक्स की नैया पर सवार अखिलेश यादव ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया था. बीजेपी का सवर्ण-पिछड़ा-दलित वोट बैंक वाला समीकरण कमजोर हुआ, तो प्रदेश का राजनीतिक दृश्य ही बदल गया. हालांकि, विधानसभा उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने बाउंस बैक किया. ‘बंटोगे तो कटोगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों के जरिए पार्टी ने अपनी खोई ताकत फिर से हासिल की. अब योगी सरकार आठ साल की उपलब्धियों को लेकर सियासी आधार बनाने की कवायद में है ताकि 2027 में सत्ता की हैट्रिक लगा सके.

सीएम योगी आदित्यनाथ विधानसभा चुनाव 2027 के लिए अभी से ही एक्टिव हो गए हैं. योगी सरकार के रिपोर्ट को लेकर बीजेपी अब जमीन पर उतरने का फैसला किया है ताकि सियासी माहौल बनाया जा सके. 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था. एक दशक बाद भाजपा का जनाधार प्रदेश में खिसकता दिखा था. 80 लोकसभा सीटों में से महज 33 पर भाजपा के उम्मीदवार विजयी हुए और सहयोगी दलों के पाले में केवल तीन सीटें आई थीं.

विपक्षी गठबंधन इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया और 43 सीटें जीतने में कामयाब रहे थे. बीजेपी की तमाम रणनीति पर पानी फेरते हुए सपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था. अखिलेश यादव के नेतृत्व में उतरी सपा ने 80 में से 62 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, जिसमें से 37 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस 17 सीटों में से 6 सीटें जीती थीं. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2027 अहम माना जा रहा है और अब आठ साल बाद क्या योगी सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी मानी जा रही. यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद ये सवाल गहरा गए हैं, जिसे खत्म कर एक मजबूत आधार तैयार करने की स्ट्रेटेजी बनाई गई है. योगी सरकार के रिपोर्ट कार्ड के दम पर सियासी माहौल बनाने की कवायद बीजेपी करेगी.

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