भोपाल : हर साल जितनी आय उतना तो वेतन-पेंशन और कचरे पर खर्च, जनता के काम ‘दूसरों’ के भरोसे ?

बैठे-बिठाए खर्चा तय:हर साल जितनी आय उतना तो वेतन-पेंशन और कचरे पर खर्च, जनता के काम ‘दूसरों’ के भरोसे
  • निगम बजट- 3300 करोड़, आय-करीब 900 करोड़, वेतन-भत्तों पर 840 करोड़ खर्च

नगर निगम का सालाना बजट 3353 करोड़ रुपए है, लेकिन कमाई करीब 900 करोड़ रुपए ही है। यदि नगर निगम महीने में विकास का एक भी काम न करे तो भी उसे रोज कम से कम 70 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ती है। इसमें वेतन, पेंशन और कचरा कलेक्शन गाड़ियों का खर्च शामिल है। यानी साल में करीब 840 करोड़ रुपए तो इसी पर खर्च होता है।

विकास की बात करें तो नाली, सड़क, पानी और अन्य निर्माण इनसे अलग ही हैं। पार्षद निधि व आयोजनों का खर्च अलग है। इन सबके लिए निगम दूसरों पर यानी राज्य और केंद्र सरकार के अनुदानों और बॉन्ड आदि के भरोसे रहता है। इसीलिए लगातार घाटा हो रहा है।

वर्ष 2024-25 में संभावित वित्तीय घाटा 98 करोड़ बताया गया। इससे पहले यह 82 करोड़ था। निगम की 70% आय संपत्ति कर, जल कर आदि टैक्स से आती है। शेष 30% आय बिल्डिंग परमिशन, लीज रेंट, विशेष निधि, डिपॉजिट फंड, केंद्रीय योजनाओं और पीएमवाय से आता है।

विकास फंड के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के अनुदानाें की रहती है उम्मीद

चुंगी राशि घटी: 2017 से पहले निगम चुंगी क्षतिपूर्ति वसूलता था। वेतन-बिजली खर्च इससे निकलता था, फिर वसूली शासन करने लगा। अब निगम को इसमें 24 करोड़ रु. महीना मिलता है। जबकि वेतन-पेंशन ही 32 करोड़ प्रतिमाह है।

मुद्रांक शुल्क भी कम… भोपाल में प्रति रजिस्ट्री 3% मुद्रांक शुल्क निगम को मिलता था। ये साल में 70-80 करोड़ रुपए तक होता थी। अब मुद्रांक शुल्क के नाम पर साल में एक बार केवल 40 करोड़ रुपए तक ही मिलते हैंं।

लंबे समय से नहीं बढ़ा टैक्स…निगम की आय प्रॉपर्टी टैक्स, जल कर, सर्विस चार्ज आदि की वसूली पर ही निर्भर है। इस साल करीब 586 करोड़ रु. की वसूली हो पाई है। पिछले साल 503 करोड़ थी। लंबे समय ये टैक्स नहीं बढ़े हैं। भोपाल में पानी सप्लाई में ही 150 करोड़ रु. सालाना खर्च होते हैं। निगम 50-60 करोड़ रुपए ही वसूल पाता है।

पिछले साल से 83 करोड़ ज्यादा कमाए, लेकिन देनदारियां भी बाकी

निगम को इस साल संपत्ति कर समेत सभी तरह के टैक्स और रेंट से करीब 586 करोड़ रुपए की आय हुई है। 2024-25 में 503 करोड़ और 2023-24 में 425 करोड़ रुपए की आय हुई थी। निगम की 2024-25 की ही 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारियां बाकी हैं।

अंतिम दिन 11 हजार ने भरा टैक्स अंतिम दिन 11 हजार से ज्यादा लोगों ने संपत्ति कर, जल उपभोक्ता प्रभार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रभार सहित अन्य मदों में 11.53 करोड़ रु. राशि जमा की। 5000 से ज्यादा लोगों ने ऑनलाइन कर जमा कर अधिभार में छूट का फायदा उठाया।

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