230 सीटों के लिए 3832 प्रत्याशियों ने भरे 4359 फॉर्म !

230 सीटों के लिए 3832 प्रत्याशियों ने भरे 4359 फॉर्म ……..
अ टेर में सबसे अधिक 41 नामांकन, 36 दावेदारों के फार्म के साथ सतना दूसरे नम्बर पर …

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को जिला निर्वाचन अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा वार कैंडिडेट्स की स्थिति पता चल गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक प्रत्याशी भिंड जिले की अटेर विधानसभा सीट पर सामने आए हैं। यहां 41 उम्मीदवारों ने 43 नामांकन भरे हैं। इसके बाद सर्वाधिक प्रत्याशियों वाला विधानसभा क्षेत्र सतना है जहां 36 उम्मीदवारों ने 42 नामांकन भरे हैं। भिंड में 35 कैंडिडेट्स ने 36 नामांकन भरे हैं। दमोह विधानसभा में 32 कैंडिडेट्स के 34 नामांकन जमा हुए हैं। गुना में 32 नामांकन आए हैं जिसमें 33 फार्म जमा हुए हैं।

इन विधानसभा सीटों में आए सबसे कम सात नामांकन

सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में जमा हुए नामांकन फार्म की रिपोर्ट से पता चलता है कि सबसे कम नामांकन जिन विधानसभा क्षेत्रों में जमा हुए हैं, उनकी संख्या सात-सात है। ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में बागली, भीकनगांव, सरदारपुर, धरमपुरी, कुक्षी, बिछिया शामिल हैं। इसके अलावा निवास, बड़वानी, अलीराजपुर, ब्यौहारी विधानसभा के लिए आठ-आठ, कसरावद, भगवानपुरा, राजपुर, तेंदूखेड़ा, टिमरनी, इंदौर -2, सीहोर, खिलचीपुर, रतलाम ग्रामीण, अनूपपुर, बड़वारा विधानसभा क्षेत्र में 9-9 नामांकन फार्म दावेदारों ने जमा किए हैं।

कई विधानसभा क्षेत्रों में बढ़ सकती है ईवीएम संख्या

रिटर्निंग अफसरों के अनुसार नाम वापसी के बाद चुनाव में उपयोग की जाने वाली ईवीएम की संख्या की स्थिति साफ होगी लेकिन जो व्यवस्था तय है उसके अनुसार एक ईवीएम में 15 प्रत्याशी और एक नोटा का विकल्प होता है। अगर प्रत्याशी संख्या 16 है तो नोटा के लिए एक अलग ईवीएम लगानी होती है। इसी तरह 32 प्रत्याशी होने पर नोटा के लिए एक अलग ईवीएम लगेगी। अब तक विधानसभा वार जो स्थिति है उसके अनुसार कई विधानसभा क्षेत्रों में तीन ईवीएम तक लग सकती है। ऐसे में अब रिटर्निंग अफसरों को 2 नवम्बर को तीन बजे तक के समय का इंतजार है जब नाम वापसी के के बाद कैंडिडेट्स की स्थिति साफ हो सकेगी।

अब तक कुल 3832 उम्मीदवार

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए 21 अक्टूबर से शुरू हुई नाम निर्देशन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर थी। इस तारीख को प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में 2489 अभ्यर्थियों द्वारा 2811 नाम निर्देशन पत्र जमा किए गए हैं। इस तरह 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कुल 3832 उम्मीदवारों द्वारा 4359 नाम निर्देशन पत्र जमा किए गए हैं। आज नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 2 नवंबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। पूरे प्रदेश में 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान की प्रक्रिया संपन्न होगी। 3 दिसंबर को मतगणना होगी।

सीएम शिवराज सिंह नामांकन के आखिरी दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बुधनी सीट से अपना पर्चा दाखिल किया। इस बार भी अपनी जीत और प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के प्रति आश्वस्त दिखे। शिवराज के कंधों पर बुदनी समेत सभी 230 सीटों की भी बड़ी जिम्मेदारी हैं।

प्रहलाद पटेल केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को बीजेपी ने नरसिंहपुर से प्रत्याशी बनाया हैं। हालांकि वह अपना नामांकन पहले ही दाखिल कर चुके थे। इस सीट पर उनके छोटे भाई जालम सिंह पटेल विधायक हैं। वह 2013 की सरकार में मंत्री भी रहे। लेकिन इस बार चुनाव लड़ने से जब उन्होंने मना किया तो पार्टी ने इस सीट के लिए बड़े भाई प्रहलाद को ही चुना।

कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी प्रत्याशियों की जिस दूसरी लिस्ट को देखकर मध्य प्रदेश की जनता चौंकी, उसमें प्रहलाद की ही तरह कैलाश विजयवर्गीय का भी नाम शामिल रहा। इंदौर-1 से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया। आखिरी दिन कैलाश ने टाइम खत्म होने के ठीक नौ मिनट पहले पर्चा दाखिल किया। वर्तमान में कैलाश बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

नरेंद्र सिंह तोमर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बीजेपी ने चंबल के दिमनी सीट से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने भी पर्चा दाखिल किया। तोमर का इस क्षेत्र में बड़ा जनाधार हैं। पर्चा भरने के बाद तोमर ने कहा कि इस बार फिर पूरे एमपी में कमल खिलेगा और पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनेगी।

फग्गन सिंह कुलस्ते तोमर और पटेल की तरह केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर मंडला सीट के लिए दांव लगाया गया हैं। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के साथ स्थानीय मंडला सीट के जरिए कुलस्ते पर आसपास का क्षेत्र साधने की भी दोहरी जिम्मेदारी हैं। कुलस्ते भी दावा करते नजर आए कि बीजेपी इस बार जीत के पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त करेगी।

राकेश सिंह जबलपुर लोकसभा सीट से चार बार से सांसद राकेश सिंह को भी कांग्रेस वाली ताकतवर सीट में सेंध लगाने चुनाव में उतारा हैं। जबलपुर पश्चिम विधानसभा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और जबलपुर में अच्छा सियासी वजूद रखते हैं।

रीती पाठक सीधी से मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला को टिकट नहीं दिया है, जहां से उनकी जगह रीति पाठक को मैदान में उतारा गया है। पाठक सिंगरौली से मौजूदा सांसद हैं। केदारनाथ शुक्ला का संबंध प्रवेश शुक्ला से था, जिन्हें जुलाई में आदिवासी व्यक्ति दशमत रावत पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। होशंगाबाद से वर्तमान सांसद उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है।

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