थाना प्रभारियों से वसूली करना आरक्षकों को पड़ा महंगा,उप महानिरीक्षक ने कर दिया निलंबित
भिंड – दो आरक्षकों की लगातार शिकायत प्राप्त होने के बाद पुलिस महानिरीक्षक राजेश हिंगड़कर ने प्रधान आरक्षक मुकेश राजावत 415 एवं आर.440 आशीष शर्मा को निलंबित करदिया है,प्राप्त जानकारी अनुसार दोनो आरक्षक श्योपुर में पदस्थ होकर भिंड में थाना प्रभारियों से अवैध रूप से वसूली कर रहे थे एवं रेत के अवैध उत्खनन में संलिप्त पाए जाने की शिकायतें भी प्राप्त हो रही थी जिसको गंभीरता से लेकर चम्बल रेंज dig हिंगड़कर ने कार्यवाही की है,निलंबन के दौरान जांच प्रभावित होने की आशंका को लेकर आरक्षकों को चम्बल रेंज मोरेना में ही रहना होगा और वहीं पदस्थ होकर गुजारा भत्ता प्राप्त होगा।
आरक्षकों के निलंबन मामले में बड़े सवाल खड़े हो गए हैं?
आरक्षकों के निलंबन के बाद थाना प्राभारियों से वसूली करने को लेकर बड़े सवालों ने जन्म ले लिया है शहर के लोगों में चर्चा है कि थाना प्रभारियों से ऐसे वसूली करना किसी बड़े अधिकारी या राजनैतिक आका का ही संरक्षण हो सकता है,इस प्रकार की दबंगई एक आम आरक्षक के बस की बात नहीं यहां बता दें कि dig हिंगड़कर ने सुबह 4 बजे औचक निरीक्षण में रेत उत्खनन मामले के बाद एक साथ भिंड में पांच – पांच थाना प्राभारियों को अलग अलग कारणों की वजह से हटाया गया था जिसकी चर्चा अब तक होती रहती है।
श्योपुर में पदस्थ थे दोनों आरक्षक,कोरोना की वजह से भिंड में ही थे कार्यरत।
आर.आशीष,आर.मुकेश दोनो लोग श्योपुर में ही पदस्थ थे और अचानक से लॉक डाउन होने की वजह से भोपाल मुख्यालय के एक आदेश के मुताबिक जो आर जहां छुट्टी पर है वहीं ड्यूटी करेगा जिसके अनुसार कोरोना काल मे उनको भिंड में ही ड्यूटी करने को मिल गयी थी, जिस वजह से दोनों आर यहीं ड्यूटी कर रहे थे, अब दोनों आरक्षकों के खिलाफ डीआईजी ने निलंबन का प्रस्ताव भेज दिया है तो जांच के बाद पता चल पाएगा किस का संरक्षण प्राप्त है?