इतिहास: 1975 में आज ही के दिन बांधे गए थे प्रेस के हाथ, सैकड़ों पत्रकारों को बनाया गया था कैदी

नई दिल्ली: जून के महीने को भारत के राजनीतिक इतिहास में आपातकाल के लिए सदियों तक याद रखा जाएगा। आपातकाल की घोषणा के दो दिन के भीतर ही राजनीतिक विरोधियों और आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर तो पहरा बिठा ही दिया गया, साथ ही आजाद भारत में ऐसा पहली ऐसा हुआ, जब सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगाये। आलम यह था कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा और अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई।

आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए। हालात इस कदर बिगड़े कि टाइम और गार्जियन अखबारों के समाचार-प्रतिनिधियों को भारत से जाने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित अन्य एजेंसियों के टेलेक्स और टेलीफोन काट दिए गए। इसके अलावा देश-दुनिया के इतिहास में 28 जून की तारीख पर कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं भी दर्ज हैं।

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