राजस्थान में नहीं दिखाया जाएगा भ्रष्ट अफसरों का चेहरा…?

ACB के नए बॉस का ऑर्डर, सिर्फ पदनाम और विभाग की ही जानकारी मिलेगी ….

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अब भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को ट्रैप करने के बाद नाम और फोटो जारी नहीं करेगी। सिर्फ विभाग का नाम और पद की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। ऐसा आदेश DG ACB का अतिरिक्त चार्ज लेते ही हेमंत प्रियदर्शी ने दिया है।

आदेश में साफ किया गया है कि जब तक आरोपी पर अपराध सिद्ध नहीं हो जाता, तब तक उसकी फोटो और नाम मीडिया में या किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा। साथ ही, जिस भी आरोपी को पकड़ा जाएगा, उसकी सुरक्षा और मानवाधिकार की जिम्मेदारी ट्रैप करने वाले अधिकारी की रहेगी।

इस आदेश पर सवाल उठने के बाद जब भास्कर ने डीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी से बात की तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को दोषी ठहराया जाना बाकी है, उनके नाम और पहचान सार्वजनिक करना सही नहीं है।

आज से पहले ACB खुद बनवाती थी वीडियो
ACB पूरी कार्रवाई की फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी कराती है। बाकायदा फुटेज और फोटो मीडिया को जारी भी करती थी। इसका मकसद यह होता था कि जिसे पकड़ा गया है, उसके कारनामे से अधिक से अधिक लोक वाकिफ हो सकें। फोटो-वीडियो सामने आने के बाद ACB के प्रति आम जनता का विश्वास बढ़ता था। धीरे-धीरे समय बदला और ACB के अधिकारियों ने कार्रवाई के बाद मौके पर मीडिया को बुलाना शुरू कर दिया। पूरी कार्रवाई मीडिया को दिखाई जाती थी, ताकि पूरी डिटेल के साथ रिपोर्ट आम लोगों के सामने आ सके।

एसीबी का अतिरिक्त चार्ज लेते ही हेमंत प्रियदर्शी ने जारी किए आदेश।
एसीबी का अतिरिक्त चार्ज लेते ही हेमंत प्रियदर्शी ने जारी किए आदेश।

सर्च तक की फोटो-वीडियो जारी होती थी
आरोपियों के घर-ऑफिस पर चल रहे सर्च तक की फोटो-वीडियो ACB जारी करती थी। अब नए आदेश को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। सवाल उठने लगा है कि अभी तक जो हो रहा था, वह गलत हो रहा था। आरोपियों की फोटो और नाम छुपाकर ACB क्या करना चाहती है। इसको लेकर कोई साफ जवाब नहीं मिल पा रहा है। इस नए आदेश के बाबत DG ACB का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले हेमंत प्रियदर्शी से बात करने के लिए उनका मोबाइल नंबर मिलाया गया। कई बार पूरी रिंग जाने के बाद भी फोन रिसीव नहीं हुआ।

राजेंद्र राठौड़ का सरकार पर निशाना, लिखा- एसीबी भ्रष्टाचारियों की ढाल बनेगी
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्ववीट कर एसीबी के आदेश को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। राठौड़ ने लिखा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तथाकथित मॉडल स्टेट राजस्थान में भ्रष्टाचारियों को अभयदान देने के लिए अब उनके फोटो व नाम को मीडिया में उजागर नहीं करने का तुगलकी फरमान निकालकर प्रेस की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है।

राठौड़ ने लिखा- अपने नीतिगत दस्तावेज जनघोषणा पत्र के पेज 36 के बिन्दु संख्या 28 में ‘जीरो करप्शन, जीरो टॉलरेंस’ के सिद्धांत पर काम करने के वादे को धूल में मिला चुकी गहलोत सरकार का यह आदेश इस बात का प्रमाण है कि एसीबी अब भ्रष्टाचारियों की ढाल बनकर काम करेगी।

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