कैसे पेट्रोल बन रहा पानी, गाड़ियां स्टार्ट नहीं हो रही, पंपों पर किचकिच

जयपुर: बारिश का मौसम शुरू होते ही पेट्रोल पंपोें पर किचकिच शुरू हो गई है. पेट्रोल में इथेनॉल मिक्स करने का नवाचार आम लोगों पर भारी पड़ता जा रहा है. पेट्रोल भरवाने के बाद वाहनों के बंद होने की शिकायतें बढ़ती जा रही है. पेट्रोल पम्प पर आए दिन विवाद के मामले बढ़ते जा रहे हैं. परेशानी इस बात कि है कि पेट्रोल में पानी की मिलावट है या नहीं इसकी जांच के लिए न तो पेट्रोल पंप संचालक और न ही स्थानीय प्रशासन के पास कोई व्यवस्था है.

अगर आप दो पहिया और चार पहिया वाहन के मालिक हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी गाड़ी के टैंक में एक भी बूंद पानी की न हो.  वरना पंपों में मिल रहा नया एथेनॉल मिक्स पेट्रोल डलवाने के बाद आपकी गाड़ी झटके देकर बंद होने लगेगी. गाड़ियों से पेट्रोल की जगह पानी निकलने की लगातार आ रही शिकायतों के बाद शहर के पंपों पर बोर्ड लगाया गया है जिसमें बताया गया है कि एथेनॉल, पानी, नमी या वाष्प के संपर्क में आते ही पानी में बदल जा रहा है.

राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने पेट्रोलियम कंपनियों को पत्र लिखकर बारिश के मौसम में एथेनॉल मिक्स पेट्रोल की आपूर्ति बंद करने की मांग की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई ने बताया की प्रदेश में सभी ऑयल कंपनियों द्वारा पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल की मात्रा मिलाकर पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति की जा रही हैं. जिसकी सबसे अधिक मार डीलर्स पर ही पड़ रही है. साथ ही छवि भी खराब हो रही है. क्योंकि एथनॉल पानी के संपर्क में आते ही पानी में मिल जाता है. जिससे वाहन की टंकियों में पानी आ जाता है और वाहन बंद हो जाते हैं.

इस बात को लेकर उपभोक्ता पेट्रोल पंप पर आकर हंगामा करते हैं. कई जगहों पर तो उपभोक्ताओं ने डीलर के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा तक खटखटा दिया है. हाल ही में मानसरोवर में स्थित पेट्रोल पंप मैसर्स शहीद भगवान सिंह और अजमेर के एक पंप पर यही शिकायत देखने को मिली. एसोसिएशन की ओर से ये भी अवगत कराया गया की प्रदेश के डीलर्स से मिले फीडबैक में ये भी सामने आया की इस प्रकार की समस्या पंप पर भूमिगत टैंकों में लीकेज होने के कारण आ रही है. तेल कंपनियां साल में दो बार एक अभियान चलाकर सभी पंपों के लीकेज की जांच करवानी चाहिए. जहां लीकेज हो उसको जल्द सही किया जाए.

बहरहाल, पेट्रोल में पहले 5 प्रतिशत और अब 10 प्रतिशत एथेनोल मिक्स करने से विदेशी मुद्रा बचाकर सरकार ने एक तरह से अपनी रेवेन्यू काफी बढ़ा दी पर इसका फायदा पेट्रोल ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया. पेट्रोलियम कंपनियां डीलर्स को उसी रेट पर पेट्रोल बेच रही है. जबकि शुद्व पेट्रोल के मुकाबले एथेलोन की लागत भी काफी कम है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस समय पेट्रोल की कीमत कुछ कम है पर इसका कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार है. सरकार ने एथेलोन मिक्स कर लागत कम होने का फायदा उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया

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