नामांतरण और सीमांकन सहित राजस्व के 6 लाख मामले पेंडिंग, 10 जिले ही दे पाए बेस्ट परफार्मेंस
भोपाल। पन्ना जिले के देवरी निवासी सोनी बढ़ई, प्रियंका, लक्ष्मी बाई बढ़ई, सज्जन और संध्या ने लोक सेवा गांरटी सेवा में आवेदन दिया है कि वे फौती (वारसाना) नामान्तरण कराना चाहते हैं। आवेदन देने के 30 दिन में सेवा देने का प्रावधान है लेकिन आवेदकों की समस्या निर्धारित समय पर निराकृत नहीं हो पाई। यह एक उदाहरण है। दरअसल, प्रदेशभर में राजस्व से जुड़े 6 लाख से अधिक मामले निबटने का इंतजार कर रहे हैं। इन्हें सुलझाने के लिए राजस्व विभाग ने मप्र रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। लेकिन पटवारी कहते हैं कि सिस्टम तभी ठीक है जब उनके पास भी सुविधाएं हों। यही कारण है कि जून माह में चले राजस्व प्रकरण निबटाने के अभियान में दस जिलों का परफारमेंस ही अच्छा रहा। इन जिलों में औसतन तीन हजार से अधिक प्रकरण निबटाए गए। प्रदेशभर में राजस्व से संबंधित शिकायतों की दर्ज संख्या 71 लाख से अधिक पहुंच गई है।
घर-घर पटवारी, घर-घर आवेदन अभियान
8 जून से 9 जुलाई तक नामान्तरण और बंटवारा प्रकरण निराकरण अभियान चलाया है। इस पूरे अभियान में प्रदेश के सभी 19 हजार 600 पटवारियों को लगाया गया। इस अभियान में 95,154 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें 53,338 मामले सुलझाए गए। राजस्व विभाग के अनुसार 4,444 मामले लंबित रह गए हैं।
जिले में नहीं होगा छह माह से पुराना प्रकरण लंबित
कोरोना के कारण राजस्व न्यायालयों में प्रकरण बढ़ रहे थे। हमने लक्ष्य रखा कि 31 मार्च 2020 की स्थिति में 6 माह से अधिक कोई भी पुराना प्रकरण लंबित नहीं रहेगा और इसमें सफलता मिली है। शिविर लगाकर तथा घर-घर से आवेदन लेकर जमीन और किसानों से जुड़ी समस्याओं का निराकरण किया है।
पटवारियों को सुविधाएं मिलें
पटवारियों ने घर-घर जाकर मुख्यतौर पर नि:शक्त, उम्रदराज और बीमार लोगों के आवेदन लिए। चंकि जरूरी है कि सभी प्रकरणों का निराकरण ऑनलाइन होगा। लेकिन हमारे पास न सुविधाएं हैं और न प्रशिक्षण दिया गया। इसलिए हजारों की संख्या में मामले नहीं सुलझ पाए।