पूरी क्षमता से सवारी बैठाने की मंजूरी, फिर भी बस वालों ने 92% तक बढ़ाया किराया

  • परिवहन विभाग से न मंजूरी ली और न बस स्टैंड पर चस्पा की सूची
  • लाॅकडाउन से पहले 130 रुपए था आगरा का किराया, अब 250 रुपए वसूल रहे ऑपरेटर

ग्वालियर परिवहन विभाग द्वारा बसों में पूरी क्षमता से सवारियां बैठाने की मंजूरी देने के बाद भी बस ऑपरेटर्स ने यात्री किराया दोगुना तक बढ़ा दिया है। अलग-अलग रूट पर बस ऑपरेटराें यात्रियाें से 40 से 92 फीसदी तक बढ़ा हुआ किराया वसूल रहे हैं। चूंकि कोरोनाकाल में यात्रियों के पास सफर के लिए दूसरे विकल्प कम हैं, इस कारण वे ठगे जा रहे हैं। अंतरराज्यीय बस स्टैंड पर मंगलवार काे दैनिक भास्कर ने यात्रियाें से बात की।

यात्रियाें का कहना था कि बस ऑपरेटराें ने यह किराया डीजल के दाम बढ़ने, टायर महंगा होने के साथ अन्य खर्चों में बढ़ोत्तरी के साथ कम सवारी मिलने के नाम पर बढ़ाया है। सबसे अधिक किराया आगरा और दिल्ली का बढ़ाया गया है। जबकि इसके लिए परिवहन विभाग से मंजूरी नहीं ली गई है। बस स्टैंड पर न किराया सूची न कोई हेल्पलाइन नंबर लिखा गया है। अंतरराज्यीय बस स्टैंड से रोज करीब 2 हजार यात्री बस से सफर करते हैं।

लाॅकडाउन से पहले 130 रुपए था आगरा का किराया, अब 250 रुपए वसूल रहे ऑपरेटर
ग्वालियर से आगरा और दिल्ली के लिए अभी कम संख्या में बस चल रही हैं। ग्वालियर से आगरा जा रहे जयसिंह चौहान का कहना था कि लॉकडाउन से पहले जब वह ग्वालियर से आगरा बस से गया था तब 130 रुपए किराया लगा था, लेकिन अब 250 रुपए किराया बस ऑपरेटर ने वसूल किए हैं। वहीं दिल्ली जा रहे अमन शर्मा का कहना था कि ग्वालियर से दिल्ली का किराया 350 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए तक वसूल किया जा रहा है। उन्हें यह भी पता नहीं की इसकी शिकायत किससे करें।

किराया सूची चस्पा कर उड़नदस्ता का गठन करेंगे
बस ऑपरेटर अधिक किराया नहीं वसूल सकते। इस मामले को लेकर जांच कराई जाएगी। साथ ही बस स्टैंड में किराया सूची चस्पा करेंगे जिसमें एक हेल्पलाइन नंबर होगा। यात्री किराया ज्यादा नहीं वसूले इसके लिए उड़नदस्ता गठन किया जाएगा जो नियमित रूप से मॉनीटरिंग करेगा। -एसपीएस चौहान, आरटीओ

डीजल के दाम 35 फीसदी तक बढ़े, किराया बढ़ना चाहिए
लॉकडाउन से पहले की तुलना में अब डीजल के दाम 35 फीसदी तक बढ़ गए हैं। साथ ही टायर भी महंगा हो गया है। इसलिए परिवहन विभाग से 40 फीसदी तक किराये में बढ़ोत्तरी की मांग की है।
-बलवीर सिंह, उपाध्यक्ष, संभागीय, मप्र रोडवेज बस ऑपरेटर यूनियन

दो माह में उड़नदस्ता तक नहीं बनाया
दो माह गुजरने के बाद भी आरटीओ एसपीएस चौहान द्वारा उड़नदस्ता का गठन नहीं किया गया। उड़नदस्ता ही यात्री बस और टेंपो आदि की मॉनीटरिंग करता है, लेकिन अब तक उड़नदस्ता ही गठित नहीं है। पहले के उड़नदस्ता में जो आरटीआई थे, उनका ट्रांसफर बैरियर हो गया है। इससे बसों की मॉनीटरिंग नहीं हो पा रही।

लॉकडाउन से पहले और बाद में किस रूट पर कितना किराया

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