अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: जानें किस राज्य में कितना दम, भारतीय मूल के मतदाताओं की क्या है भूमिका?
भारत की तरह ही अमेरिका (America) भी एक बड़ा लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला देश है. अमेरिका (United States) में कई राज्य मिलकर देश के राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. हर राज्य की अपनी सीटें होती हैं, जो कि शुरुआत में प्राथमिक तौर पर और बाद में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) के लिए आखिरी तस्वीर गढ़ती हैं. भारत की तरह ही अमेरिका में ऐसे कुछ राज्य हैं जिनका इन चुनावों में दखल इतना होता है कि वो पूरे राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर को पलट कर रख सकते हैं, बिल्कुल वैसे जैसे भारत के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्य यहां बड़ी भूमिका में होते हैं.
प्राइमरी चुनावों में अमेरिका में जो राज्य सबसे बड़ी भूमिका अदा करता है वो कैलिफोर्निया है. इसके अकेले के पास कुल 415 डेलिगेट्स मौजूद हैं, वहीं टेक्सस और नॉर्थ कैरोलिना भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं. टेक्सस में 228 डेलिगेट्स हैं जबकि नॉर्थ कैरोलिना में ये 110 के क़रीब हैं.
लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव सिर्फ डेलिगेट्स की संख्या पर निर्भर नहीं करता बल्कि इलेक्टर अहम होते हैं, हालांकि इलेक्टर भी किसी भी राज्य की जनसंख्या के आधार पर अपना आंकड़ा बनाते हैं. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जीत की सीढ़ी मुख्य तौर पर इन तीन राज्यों से होकर गुज़रती है. इन तीन राज्यों में जिस उम्मीदवार का समर्थन करने वाले इलेक्टर्स ज़्यादा होते हैं वो राष्ट्रपति चुनावों में जीत के क़रीब पहुंच जाता है.
यहां जारी कर दिए गए अनुपस्थिति मतपत्र
नवंबर 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (US President Election 2020) हैं, लेकिन उसकी अपनी लंबी प्रक्रिया है, जो इस समय जारी है. अनुपस्थिति मतपत्र (Absent/Postal Ballot) दक्षिणी राज्य नॉर्थ कैरोलाइना में जारी कर दिए गए हैं. ये मतपत्र उन मतदाताओं को जारी किए जाते हैं जो चुनाव के दिन मतदान में अनुपस्थित रहने की वज़ह से घर से मतदान करने के लिए इसे भेजने का आग्रह करते हैं.
इन दिनों चुनावी विश्लेषक इस बात पर भी ज़ोर दे रहे हैं कि जिन राज्यों में अमेरिकी-भारतीय समुदाय के वोटर्स की संख्या ज़्यादा होगी वो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को ज़्यादा प्रभावित करेंगे. कहा तो ये भी जा रहा है कि इन राज्यों के ये मतदाता जीत हार तक का फैसला कर सकते हैं. ऐसे में इस बात का आंकलन भी किया जा रहा है कि कौन से राज्य में भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं की संख्या ज़्यादा है.
क्या कहता है आंकड़ा?
अमेरिका की आबादी क़रीब 32.82 करोड़ है, जिसमें से सिर्फ अप्रवासियों की संख्या 4.5 करोड़ के लगभग है. ऐसे में अप्रवासियों की भूमिका का अंदाज़ा अमेरिकी चुनाव में आसानी से लगाया जा सकता है. साल 2000 में अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 16 लाख 78 हज़ार थी. 2012 में इसमें इज़ाफा हुआ और ये बढ़कर 28 लाख 43 हज़ार 391 पर पहुंच गई. इस वक्त में न्यूयॉर्क, उत्तर न्यू जर्सी, लौंड आयरलैंड मेट्रो क्षेऊत्र में ही भारतीयों की संख्या पांच लाख 26 हज़ार 133 हुई. साल
इस दौरान न्यूयॉर्क, उत्तरी न्यू जर्सी, लौंड आयलैंड मेट्रो क्षेत्र में भारतीयों की संख्या तेज़ी से बढ़ी. 2017 में ये जनसंख्या क़रीब 44 लाख 2 हजार 363 पर पहुंच गई.
अमेरिका में भारतीय मतदाता
अमेरिका में भारतीयों की संख्या तकरीबन 44 लाख के आस-पास है. जहां भारतीय सबसे ज़्यादा है उन राज्यों में टेक्सास, फ्लोरिडा, ओहियो और कोलोराडो शामिल हैं. अमेरिका में इस वक्त 5 भारतीय अमेरिकी सांसद हैं और ये सभी डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. चुनाव में कड़ी की भूमिका में क़रीब 8 राज्य हैं.
टेक्सास अमेरिका का दूसरा वो राज्य है जो राष्ट्रपति चुनावों में सबसे ज़्यादा प्रभाव डालता है. इस राज्य में क़रीब 4 फीसदी मतदाता एशियाई मूल के हैं, इनमें ज्यादा संख्या भारतीय मतदाताओं की ही है. टेक्सास में अभी सांसद औऱ गवर्नर दोनों ही रिपब्लिकन पार्टी के हैं. हालांकि ये राज्य डेमोक्रेट्स के गढ़ के तौर पर माना जाता है. 2016 में इस राज्य में ट्रंप पिछड़ गए थे, पर फिर भी अन्य राज्यों में बेहतर स्थिति के चलते वो राष्ट्रपति बनने की तरफ आगे बढ़ गए.
अमेरिका में कुल 50 राज्य
अमेरिका में कुल 50 राज्य हैं, जिसमें से कैलिफोर्निया जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है, वहीं अलास्का क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़ा राज्य है. भारतीय कैलिफोर्नियां के बाद सबसे ज़्यादा न्यूयॉर्क में रहते हैं.
न्यूजर्सी में वोट प्रतिशत
न्यू जर्सी में भारतीय आबादी का सबसे बड़ा वोट प्रतिशत है. यहां साल 2012 में तीन लाख के करीब भारतीय मतदाता मौजूद थे. इसके अलावा टेक्सास में भी 2 लाख 28 हज़ार के करीब मतदाता हैं. वर्जीनिया में 1 लाख से ज़्यादा, पेंसिलवेनिया में 1 लाख से ज़्यादा, जॉर्जिया में 96 हज़ार के करीब भारतीय मतदाता रहते हैं, वहीं मेरीलैंड में 79 हज़ार से ज़्यादा भारतीय मतदाता हैं.