कोरोनावायरस: रूस ने निभाई दोस्ती-साझा किया स्पूतनिक वी वैक्सीन का डाटा, परख रहा भारत

भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों की संख्या लग़ातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में रूस के एम्बेस्डर निकोले कोदासेव ने कहा है कि मॉस्को वैक्सीन के सहयोग को लेकर भारत सरकार से अलग-अलग स्तर पर बातचीत कर रही है. इसमें विश्व की पहली कोरोनावायरस स्पूतनिक वी वैक्सीन की सप्लाई, सह-विकास, सह-निर्माण शामिल है.

लैंसेट की स्टडी के मुताबिक शुरुआती परीक्षण में वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रूस ने आधिकारिक तौर-तरीकों के सहयोग को लेकर भी जानकारी साझा की है, भारत सरकार इसकी विस्तृत जानकारी की जांच कर रही है.

रूस ने साझा किया डाटा

रूसी अनुसंधान संस्थान ने अब वैक्सीन की सुरक्षा और भारतीयता के प्रभाव पर “व्यापक डेटा” प्रस्तुत किया है. सूत्र बताते हैं कि भारत ने मॉस्को स्थित गामाले रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी से यह मांग की थी. एक अधिकारी के मुताबिक भारत, रूस के साथ वैक्सीन को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चा कर रहा है.

जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप और रूस में भारतीय राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा रूस के साथ वैक्सीन को लेकर समन्वय में लगे हुए हैं. भारत में विशेषज्ञों द्वारा “व्यापक डेटा” का मूल्यांकन किया जा रहा है. ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सूत्रों ने कहा, यहां नियामकों से आवश्यक अनुमोदन के बाद एक अलग 3 चरणों का टेस्ट होना है. रूस की योजना सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील और फिलीपींस सहित कई देशों में चरण 3 नैदानिक ​​परीक्षणों का संचालन करने की है.

वैक्सीन का उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि इसमें कहा गया है कि भारत सहित कम से कम 20 देशों ने “स्पूतनिक वी प्राप्त करने में रुचि व्यक्त की है. इन देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील और मैक्सिको शामिल हैं.

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