ग्वालियर-चंबल पर चढ़ने लगा चुनावी रंग

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव (MP Assembly by Elections) की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो, लेकिन चुनाव की नजर से सबसे महत्वपूर्ण इलाके ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) में चुनावी रंग जरूर चढ़ने लगा है. दोनों प्रमुख राजनीतिक दल- कांग्रेस और BJP के झंडे/बैनर तो नजर आ ही रहे हैं, वही तीखी बयानबाजी भी बढ़ती जा रही है.

चुनाव आयोग (EC) ने बिहार के विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) के साथ ही मध्य प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव कराने का फैसला लिया है और यह उप-चुनाव 29 नवंबर से पहले होना प्रस्तावित है. राज्य में उप-चुनाव किस तारीख को होंगे, इसका ऐलान नहीं हुआ है लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं.

BJP के प्रमुख चेहरों की बढ़ी सक्रियता

उपचुनाव में महत्वपूर्ण इलाका ग्वालियर-चंबल है क्योंकि यहां के 16 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा दोनों राजनीतिक दलों ने इस इलाके में अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है. BJP के प्रमुख चेहरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता इस इलाके में बढ़ गई है.

ये नेता यहां के चार दिनों दौरे पर हैं और उनकी विधानसभावार सभाएं तो हो ही रही हैं, साथ में सौगातें भी देने का सिलसिला जारी है. इन सभाओं में BJP नेता सीधे तौर पर कांग्रेस की 15 महीने की पूर्ववर्ती सरकार पर हमले बोल रहे हैं. इन नेताओं के निशाने पर कमलनाथ (Kamal Nath) और उनकी सरकार की कार्यशैली है, भ्रष्टाचार के साथ झूठे वादे किए जाने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं.

कांग्रेस के भी चल रहे अभियान

दूसरी ओर कांग्रेस भी अपनी रणनीति के मुताबिक अभियान चलाए हुए है. नेताओं के दौरे हो रहे हैं तो दूसरी ओर पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह (Govind Singh) के नेतृत्व में नदी बचाओ यात्रा निकाली जा रही है. इस नदी बचाओ यात्रा (Nadi Bachao Yatra) में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया जिनमें मोहन प्रकाश, अरुण यादव और दिग्विजय सिंह जैसे नेता शामिल हैं.

कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को बता रही गद्दार

कांग्रेस (Congress) इस इलाके में सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके साथ कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं को गद्दार के तौर पर प्रचारित कर रही है. छल-कपट से सरकार देने के आरोप लगाते हुए कांग्रेस कह रही है कि जनता आने वाले चुनाव में BJP को सबक सिखाएगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ का भी ग्वालियर-चंबल दौरा प्रस्तावित है. इसकी तैयारियां भी जोरों पर हैं. कमलनाथ के इस दौरे को कांग्रेस के लिहाज से बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

‘ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस बनाम सिंधिया’

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्वालियर-चंबल इलाके में पूरा चुनाव कांग्रेस बनाम सिंधिया (Congress vs Scindia) होने वाला है. उसकी वजह भी है क्योंकि यह इलाका सिंधिया के प्रभाव का है तो दूसरी ओर 16 उन स्थानों पर चुनाव होने वाले हैं जहां से पिछला चुनाव सिंधिया के करीबियों ने जीता था. कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या चेहरे की है.

देखना होगा कि कांग्रेस इसका मुकाबला कैसे कर पाती है, क्योंकि BJP के पास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा चेहरे हैं, तो वहीं कांग्रेस के पास चंबल-ग्वालियर में ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जिसे वह आगे कर सके. कांग्रेस की सारी जिम्मेदारी कमलनाथ पर ही है. (IANS)

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