गाजियाबाद में नहीं बनेगा डिटेंशन सेंटर, मायावती के विरोध के बाद यूपी सरकार ने वापस लिया फैसला

गाजियाबाद ( ghaziabad ) के नंदग्राम (nandgram) में एससी-एसटी छात्राओं के छात्रावास ( hostel) को डिटेंशन सेंटर (detention centre) नहीं बनाया जाएगा. अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने पर शुरू हुए विरोध के बाद यूपी सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया.

बसपा प्रमुख मायावती के कार्यकाल में बने इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने के फैसले पर उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर सरकार के फैसले का विरोध कर इसे दोबारा छात्रावास बनाए जाने की मांग की थी. राजनीतिक विरोध बढ़ने की आशंका को लेकर शुक्रवार को सरकार ने इस छात्रावास की बिल्डिंग में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय वापस ले लिया है. अब इस इमारत में छात्रावास ही रहेगा

बता दें कि गाजियाबाद के नंदग्राम स्थित एससी-एसटी छात्राओं के लिए बने छात्रावास की बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश का पहला और देश का 12वां डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय कई माह पहले ले लिया गया था.डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए यूपी सरकार के समाज कल्याण विभाग ने गृह मंत्रालय को इस बावत पहले ही एनओसी दे दी थी. डिटेंशन सेंटर संचालित करने को लेकर शुक्रवार को गाजियाबाद में डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय एक बैठक होनी थी.

मायावती ने किया विरोध, सरकार को वापस लेना पड़ा फैसला

काफी दिन से इस मुद्दे को लेकर विरोध चल रहा था. बात जब बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंची तो उन्होंने ट्वीट कर सरकार के फैसले का विरोध किया और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि

डा. अंबेडकर एससी-एसटी छात्रावास को यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में परिवर्तित करना अति दुखद व निंदनीय है. यह सरकार की दलित विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि चुनाव के चलते और एससी-एसटी के बड़े वर्ग में विरोध को देखते हुए सरकार ने अपने फैसले को वापस लिया है.

बता दें गाजियाबाद के नंदग्राम में छात्र-छात्राओं के लिए बसपा सरकार में दो अलग-अलग छात्रावास बनाए गए थे. इन दो छात्रावास की क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है. इनका उद्घाटन 15 जनवरी, 2011 को हुआ था.

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