हाथरस केस: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- “पीड़िता का दाह संस्कार करने का हकदार था परिवार

हाथरस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने लिखित आदेश में कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट, पीड़िता के अंतिम संस्कार के संबंध में अदालत को संतुष्ट नहीं कर सके. हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करें ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता का दाह संस्कार करने के लिए परिवार हकदार था.

हाई कोर्ट ने कहा कि SIT/CBI जांच पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और कोई रिपोर्ट लीक नहीं की जाएगी. किसी को भी हाथरस पीड़ित के चरित्र हनन का प्रयास नहीं करना चाहिए, जैसे कि एक निष्पक्ष सुनवाई से पहले अभियुक्त को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाथरस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ”शासन और प्रशासन का मार्गदर्शी सिद्धांत, स्वतंत्रता के बाद, ‘सेवा’ तथा ‘रक्षा’ का होना चाहिए, न कि ‘शासन’ और ‘नियंत्रण’ का जैसा कि स्वतंत्रता के पहले किया गया था.”

हाई कोर्ट ने आगे कहा, स’रकार को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए, जिला अधिकारियों के लिए मार्गदर्शन के रूप में उपयुक्त प्रक्रियाओं से बाहर आना चाहिए.’

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