500 रुपये में सीखा था झिंझर शराब बनाना, फॉर्मेशन गड़बड़ा जाने से बन गई जहरीली शराब

उज्जैन: संदिग्ध रूप से झिंझर के सेवन से मृत 16  व्यक्तियों के प्रकरण की जांच करने के लिये राज्य शासन द्वारा उच्च स्तरीय जांच दल गठित शुक्रवार उज्जैन पहुंचा. जांच दल में अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा के साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसके झा एवं पुलिस उप महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना को रखा गया है. गठित जांच दल ने आज 16 अक्टूबर से जांच प्रारम्भ कर दी ह

जांच दल ने मुआयना किया
गठित जांच दल ने छत्तरीचौक, रीगल  टॉकीज पार्किंग , खाराकुंआ थाना ,महाकाल थाना एवं विभिन्न रैन बसेरों में जाकर मौके का मुआयना किया व पूछताछ की. जिसके बाद कंट्रोल रूम पर मृतको के परिजनों और गवाहों को मिलने बुलाया था लेकिन एक ही मृतक के परिजन पहुंचे. वहीं गवाहों की माने तो ये धंधा कई दिनों से चल रहा था.

500 रुपये में सीखा था
एक ऑटो वाले ने बताया कि हेंड बेग में जहरीली शराब भरकर छत्तरी चौक पार्क में बेची जाती थी. इसके अलावा पार्क की देखभाल करने वाले चौकीदार ने भी बताया कि कई बार मना किया लेकिन वे मानते नहीं थे. शराब बनाने का काम ना सिर्फ नगर निगम की पार्किंग के ऊपर खंडहर में होता था. यही नहीं पिंजारवाडी में भी शराब बनाये जाने लगी थी जो कि खाराकुआं थाने के ठीक सामने महज 50 मीटर की दूरी पर है. गवाहों से ये भी पता चला कि गब्बर और सिकंदर ने कुछ दिन पहले ही 500 रुपए देकर झिंझर बनाने का काम कहारवाडी से सीखा था. लेकिन वो शायद सीखने में कुछ चूक कर गये और स्प्रीट और अन्य केमिकल का फॉर्मेशन गड़बड़ा गया. जिसकी वजह से सम्भवतः जहरीली शराब बन गयी.

 मुख्य आरोपी बर्खास्त
इस पूरे मामले में मुख्य सरगना गब्बर और सिकंदर जो कि निगमकर्मी फरार है. इस पूरे मामले में चार पुलिसकर्मियों के बाद दो आबकारी अधिकारियों पर गाज गिरी है. जिसमे सुनीता मालवीय आबकारी उप निरीक्षक रोहित लोहारिया आबकारी आरक्षक को निलंबित किया गया है. वहीं नकली शराब बेचने और बनाने के मामले में अलग-अलग थानों के अब तक कुल 104 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले के बाद  सिकंदर और गब्बर को बर्खास्त कर दिया. दोनों अबतक पुलिस की हिरासत से बाहर है.

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