ग्राम प्रधानों को ही बनाया जाए प्रशासन

ग्राम प्रधानों ने मांग की है कि कार्यकाल पूरा होने के बाद भी प्रधानों को ही प्रशासन बनाया जाए। एडीओ पंचायत को ग्राम पंचायतों का प्रशासन न बनाया जाए। ऐसा किया गया तो ग्राम प्रधान इसका विरोध करेंगे। इसके साथ ही कुछ अन्य मांगों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन ने शनिवार को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।

इस ज्ञापन में कहा गया है कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसम्बर को समाप्त हो रहा है। इस अल्पवधि में प्रधानों को बहुत सा कार्य जनहित में करना जरुरी है। इसी बीच नये नये सरकारी आदेशों से उन्हे परेशानी होती है। ज्ञापन में कहा गया है कि यदि 25 दिसम्बर तक चुनाव कराना संभव न हो तो बढ़े हुए कार्यकाल का प्रशासन वर्तमान ग्राम प्रधानों को ही बनाया जाए। इसके विपरीत यदि एडीओ पंचायत को ग्राम पंचायतों का प्रशासक बनाया गया तो ग्राम प्रधान संगठन इसका हर स्तर पर विरोध करेगा। यह भी कहा गया है कि पूर्व में कराए गए निर्माण कार्यो का भुगतान कराए जाने के बाद ही सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन आदि का भुगतान करने का दबाव बनाया जाए। ग्राम प्रधानों ने यह मांग भी की है कि नगरपंचायतो ंमें शामिल ग्राम पंचायतों के सभी अधिकार 25 दिसम्बर तक बहाल रखे जाएं। जिलाध्यक्ष राजेन्द्र ऋषीश्वर के नेतृत्व में दिए गए इस ज्ञापन में यह मांग भी की गई है कि छोटी ग्राम पंचायतों को सामुदायिक शौचालयों व पंचायत भवन के निर्माण के लिए बाध्य न किया जाए। इसके साथ ही पंचायत सशक्तीकरण मुख्यमंत्री पुरस्कार विजेताओं की रकम जल्द दी जाए। ग्राम प्रधान पहले से ही यह मांग कर रहे हैं कि कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हे ही प्रशासन बनाया जाए और यह जिम्मेदारी एडीओ पंचायत को न सौंपी जाए। इसे लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा गया।

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