अगर ट्रंप और बाइडेन में से किसी को नहीं मिला बहुमत, फिर कौन और कैसे बनेगा राष्ट्रपति
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती में जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर चल रही है. हालांकि, अभी यह कह पाना बड़ा ही मुश्किल होगा कि आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर किसकी जीत होगी, लेकिन यहां यह जानना भी जरूरी है अगर बाइडेन और ट्रंप के बीच मामला टाई यानी किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है या फिर मान लीजिए कि दोनों के हिस्सों में 269-269 वोट चले जाते हैं, तो फिर क्या होगा?
रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनके डेमोक्रेटिक चैलेंजर जो बिडेन के बीच कड़ी टक्कर से लड़ा गया अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभी अनिश्चितता के दौर में चला गया है. जीतने के लिए दोनों में से किसी एक नेता को कम से कम 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की जरूरत होती है.
यदि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट नहीं मिलते हैं, तो संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का चुनाव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव यानी प्रतिनिधि सभा या निचले सदन के सदस्यों पर छोड़ दिया जाता है, जिसमें 435 सीट होती हैं. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव सीनेट या उच्च सदन पर छोड़ दिया जाता है. इस प्रक्रिया को कंटिंजेंट इलेक्शन भी कहा जाता है.
20 जनवरी से पहले होनी चाहिए राष्ट्रपति की घोषणा
यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि चुनाव को लेकर किसी भी विवाद को कांग्रेस को 20 जनवरी से पहले सुलझाकर नए राष्ट्रति का चुनाव करना होगा, क्योंकि संविधान के अनुसार, 20 जनवरी तक मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म हो जाता है.
वहीं अगर कांग्रेस तब भी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति की घोषणा नहीं कर पाती है, तो राष्ट्रपति उत्तराधिकार अधिनियम के तहत सदन का अध्यक्ष ही कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेगा. मालूम हो कि कैलिफोर्निया के एक डेमोक्रेट नैंसी पेलोसी मौजादा स्पीकर हैं.
तकनीकी रूप से अमेरिका में राष्ट्रपति इलेक्शन डे पर नहीं चुना जाता है. इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य दिसंबर में आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए दूसरे बुधवार के बाद पहले सोमवार को अपने राज्यों में इकट्ठा होते हैं. इस साल, इलेक्टर्स 14 दिसंबर को राष्ट्रपति के लिए वोट करेंगे. इसके बाद इलेक्टर्स के वोटों की गिनती और विजेता का नाम का फैसला कांग्रेस के दोनों सदन 6 जनवरी को करेंगे.