बिहार: आज शाम CM पद की सातवीं बार शपथ लेंगे नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम के नाम पर सस्पेंस बरकरार
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार सोमवार को सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल फागू चौहान शाम 4 बजकर 30 मिनट पर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. नीतीश कुमार के साथ ही कई मंत्री भी शपथ लेंगे. इसके अलावा बीजेपी कोटे से एक या दो उपमुख्यमंत्री भी बनेंगे, लेकिन उपमुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अभी भी संस्पेंस बना हुआ है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने नित्यानंद राय और संजय जायसवाल का नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार को दिया है. दोनों में से ही किसी एक के नाम पर मुहर लग सकती है. संजय जायसवाल के उप मुख्यमंत्री बनने की सूरत में बीजेपी किसी सवर्ण को बना प्रदेश अध्यक्ष सकती है. वहीं बीजेपी विधानमंडल दल के नेता तारकिशोर प्रसाद का नाम भी उप मुख्यमंत्री की रेस में आगे चल रहा है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, दो उपमुख्यमंत्री की सूरत में उप नेता रेणु देवी भी उप मुख्यमंत्री हो सकती हैं.
इससे पहले रविवार को बिहार में नई सरकार बनाने को लेकर दिनभर बैठकों का दौर चला. दिल्ली से बिहार पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीए की बैठक में मुख्यमंत्री के लिए नीतीश कुमार के नाम की आधिकारिक घोषणा की. इसके बाद नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे, जहां उन्होंने बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के सामने सरकार बनाने के लिए एनडीए की तरफ से प्रस्ताव रखा.
राजभवन से बाहर निकलकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सोमवार को दिन के चार-साढे चार बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा, बिहार को विकास के रास्ते पर आगे ले चलना है और सबको मिलकर काम करना है.
मंत्रियों के नामों के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है और अब आगे सब कुछ तय कर लिया जाएगा. सुशील कुमार मोदी के उपमुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर भी नीतीश कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद राजनाथ सिंह भी राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे. वहां उन्होंने उप मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उप मुख्यमंत्री का फैसला ये लोग बैठ कर करेंगे. इसकी जानकारी उचित समय पर दी जाएगी.
वहीं इन सबके बाद सुशील मोदी ने ट्वीट कर सबको चौंका दिया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “भाजपा और संघ परिवार ने मुझे 40 सालों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा. आगे भी जो जिम्मेवारी मिलेगी, उसका निर्वहन करूंगा. कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.”