चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल का मामला, केंद्रीय चुनाव आयोग ने चीफ सेक्रेटरी को किया जवाब तलब

मध्य प्रदेश में 2019 में हुए लोकसभा चुनावों से पहले इनकम टैक्स के छापों के बाद पैसों का लेन-देन करने वालों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। इसी मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने तेजी दिखाते हुए राज्य के मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव (गृह) को जवाब तलब किया है।

केंद्रीय चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को जवाब तलब करते हुए दिल्ली बुलाया है। चुनाव आयोग के द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में यह तो साफ हो गया है कि 5 जनवरी को सुबह 11 बजे, दिल्ली में होने वाली बैठक में दोनों अधिकारियों से केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड की रिपोर्ट पर बात होगी और यह भी पूछा जाएगा कि इस प्रकरण में आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव आयोग के इस पत्र से राज्य सरकार की सक्रियता में तेजी आई है, वहीं मुख्य सचिव के द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अप्रेजल रिपोर्ट के तथ्यों के साथ इस विषय की पूरी जानकारी सौंपी गयी है। दूसरी तरफ उप चुनाव आयुक्त ने राज्य निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर ही जानकारी दी है।

उपचुनाव आयुक्त ने  कड़े रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव से कहा है कि. वे पूरी तैयारी के साथ दिल्ली आएं, साथ में यह भी बताने के लिए तैयार रहे कि अब तक इस सम्बंध क्या-क्या करने वाले है और आगे कब तक कार्रवाई करेंगे। साथ में आगे जो भी करेंगे उसका समय सहित सूचीबद्ध प्लान भी लेकर आएं।

लोकसभा चुनावों से पहले कमलनाथ सरकार के करीबियों पर पड़े इनकम टैक्स के छापों से जुड़ी सीबीडीटी की रिपोर्ट और चुनाव आयोग का पत्र राज्य सरकार के पास 16 दिसंबर को आया था, तब से अब तक एक सप्ताह का समय बीत चुका है, वही सरकार ने अप्रेजल रिपोर्ट पर कानूनी राय भी ले चुकी है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो अगले एकाध हफ्ते में कार्रवाई की रूपरेखा पर सहमति बन जाएगी।

इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों, विधायकों समेत राज्य में पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा और तीन आईपीएस अधिकारी बी मधुकुमार, संजय माने और सुशोभन बैनर्जी के नाम हैं। वहीं अब सरकार इस केस को ईओडब्ल्यू को सौंपने की तैयारी में भी है।

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