मध्य प्रदेश में मार्च-अप्रैल के दौरान कराए जा सकते हैं नगर निकाय चुनाव: भूपेंद्र सिंह
नगरीय निकाय चुनावों (Urban body elections) के लिए मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार पूरी तरह तैयार है. राज्य के शहरी विकास (Urban Development) और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने गुरुवार को चुनाव की तैयारी देखते हुए कहा कि ये चुनाव मार्च-अप्रैल के दौरान कराए जा सकते हैं. सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नगरीय निकायों के चुनावों के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह तैयार है और हमने इनके अलग-अलग पदों के आरक्षण (Reservation) की प्रक्रिया भी पूरी कर दी है. अब राज्य निर्वाचन आयोग को इन चुनावों का कार्यक्रम तय करना है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रदेश में मार्च-अप्रैल (March-April) के दौरान नगरीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं.’ शहरी विकास और आवास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए जल्द ही कानून बनाएगी. इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य बुरी तरह पिछड़ने पर सिंह ने कहा कि इस परियोजना की तकनीकी तथा वित्तीय कठिनाइयां दूर कर ली गई हैं और जल्द ही इस पर काम तेज हो जाएगा.
आयोग पंचायत चुनाव भी कराएगी आयोजित
हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले कहा गया था कि मध्य प्रदेश में जनवरी में नगरीय निकाय चुनाव हो सकते हैं. इस चुनाव के लिए 2 चरण में वोटिंग होगी. जबकि फरवरी-अप्रैल के बीच 3 फेस में पंचायत चुनाव हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि आयोग नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम 30 जनवरी तक घोषित कर देगा. इसके बाद आयोग को पंचायत के चुनाव भी कराना हैं.
चुनाव 3 फेज में फरवरी से अप्रैल के बीच में कराने की तैयारी भी अंतिम चरण में है.चुनाव की तारीख से 30 दिन के अंदर प्रत्याशी या उसके अधिकृत एजेंट को जिला निर्वाचन अधिकारी के पास व्यय लेखा दाखिल करना होगा. महानगर के पार्षद को 8 लाख 75 हजार रुपये खर्च करने का अधिकार रहेगा. जबकि नगर पंचायत के पार्षद के लिए खर्च का दायरा 75 हजार रुपए तक रहेगा