मध्य प्रदेश: अतिक्रमणकारियों पर बड़ी कार्रवाई, एंटी-माफिया अभियान में खाली कराई गई 8 हजार करोड़ रुपए की जमीन
भू-माफिया विरोधी अभियान भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में चलाई जारी है. लेकिन छोटे शहरों में इसका प्रभाव देखने को नहीं मिला.
भले ही सरकार ये दावा कर रही हो कि 8 हजार करोड़ रुपए की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर लिया गया है. लेकिन राज्य में अब भी 25 हजार करोड़ रुपए की जमीन बड़े अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. राज्य में माफिया विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और प्रशासन भू-माफियों की संपत्तियों पर शिकंजा कस रही है, जो दशकों से सरकारी जमीन पर कब्जा करे बैठे थे.
भू-माफिया विरोधी अभियान भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में चलाया जा रहा है. लेकिन छोटे शहरों में इसका प्रभाव देखने को नहीं मिला. बड़े शहरों में अभी भी सरकारी जमीन का एक बड़ा हिस्सा अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त किया जाना बाकी है. इन अतिक्रमणकारियों को कथित तौर पर प्रशासनिक और राजनीतिक संबंध होने के कारण कार्रवाई से बचने में मदद मिलती है.
इन विभागों की जमीन पर कब्जा
अतिक्रमणकारियों ने सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी, स्थानीय निकाय, राजस्व विभाग, अस्पताल और धार्मिक ट्रस्टों को आवंटित भूमि पर कब्जा कर रखा है. सूत्रों का कहना है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा क्योंकि इन अतिक्रमणकारियों को बड़ी राजनीतिक शक्तियों का समर्थन है.
पिछले 15 सालों से राजस्व विभाग ने राज्य स्तर पर अतिक्रमण पर कोई डेटा एकत्रित नहीं किया है. ऐसा लगता है विभाग ये दिखाना ही नहीं चाहता कि सरकार की कितनी भूमि का अतिक्रमण किया गया है. डेटा केवल जिला मुख्यालय के पास उपलब्ध है.
स्थानीय प्रशासन की मदद से पुलिस कर रही है कार्रवाई
यहां तक कि राजस्व विभाग ने भी माना है कि अतिक्रमणकर्ता मामले में कोर्ट चल जाते हैं और अतिक्रमण का मामला न्यायिक मामला बन जाता है, जिससे प्रशासन बचना चाहता है. पहले जब भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया जाता था तो पटवारी अतिक्रमणकारी पर जुर्माना लगाता था और मामला खत्म हो जाता था.
पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने कहा कि एंटी भू-माफिया अभियान की शुरू होने के बाद से करोड़ो रुपए की सरकार जमीन को खाली कराया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस, स्थानीय प्रशासन की मदद से अतिक्रमणकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. सरकार ने दावा किया है कि अब तक 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक भूमि को अतिक्रमणकारियों से खाली करा लिया गया है