रेत के अवैध उत्खनन पर पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक में एक ही दिन में 8 पनडुब्बियां पहुंचाई थानों में
परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिण्ड: पुलिस द्वारा रेत माफियाओं पर जिले की अब तक की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए एक ही दिन में 8 पनडुब्बियों को जब्त किया गया है। पनडुब्बियों को जब्त कर उन्हें थानों तक पहुंचाने में पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ी। ऊमरी क्षेत्र में सिंध नदी की खेरा, श्यामपुरा, अतरसूमा सहित अलग-अलग खदानों पर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कंचन के निर्देशन एवं डीएसपी हेडक्वार्टर मोतीलाल कुशवाह के नेतृत्व में ऊमरी, नयागांव थाना को साथ लेकर भारी पुलिस बल के साथ रेत खदानों पर दबिश दी गई। पुलिस की इस सर्जिकल स्ट्राइक से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि भिण्ड जिले में रेत उत्खनन का ठेका हैदराबाद की पॉवर मेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी के पास कोटा कृष्णा प्रवीण के नाम से है।
अब तक भिंड जिला पुलिस द्वारा मिलावटखोरों एवं शराब माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की गईं जिनमें बड़ी संख्या में मिलावटी दूध और अवैध शराब बनाने वालों पर कार्यवाहियों को पुलिस द्वारा अंजाम दिया गया। मिलावटी दूध और नकली शराब पर कार्यवाहियों के बाद अब रेत माफिया पर पुलिस ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही में एक ही दिन में 8 पनडुब्बियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। इन पनडुब्बियों के द्वारा सिंध नदी के भीतर से अवैध रूप से रेत निकालकर नदी को खोखला किया जा रहा था। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पनडुब्बियों के पकड़े जाने से रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। जिले में रेत उत्खनन का ठेका हैदराबाद की पावर मेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नामक कंपनी के पास होने से लोगों द्वारा कहा जा रहा है कि उसी की शह पर सिंध नदी के अंदर से पनडुब्बियों के जरिए अवैध रूप से रेत निकाला जा रहा था। सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मेहगांव एवं लहार क्षेत्र में अभी भी सिंध नदी में आधा सैकड़ा से अधिक पनडुब्बियां संचालित हो रही हैं।
अभी तक पनडुब्बियों को आग लगाकर नष्ट करके छोड़ दिया जाता था नदी में ही
जिले में अभी तक जो भी कार्यवाहियां रेत के अवैध उत्खनन में लगी पनडुब्बियों पर की जाती रही हैं उनमें अधिकांशतः पनडुब्बियों पर डीजल छिड़ककर उनमें आग लगाकर उन्हें जलता हुआ दिखा दिया जाता था। कुछ समय बाद वही पनडुब्बियां फिर से काम करने लगती थीं। लेकिन इस बार की गई बड़ी कार्यवाही में सभी पनडुब्बियों को उठवाकर थाना परिसर में रखवाया गया है। ताकि उनको पुनः प्रारंभ ना किया जा सके।
इसलिए पनडुब्बियों को उठाने से बचते हैं अधिकारी
पनडुब्बियों को उठाने में काफी ज्यादा समय एवं बल लगता है। क्योंकि पनडुब्बियों नदी के बीचो-बीच रहती हैं और एक छोटी सी नाव में ऊपर इंजन रखा होता है, जबकि नदी की गहराई में पाइप डाले हुए होते हैं और नाव से लेकर बाहर तक लोहे के पाइप डाले जाते हैं, जिनसे होकर रेत नदी के अंदर से बाहर आता है। ऐसे में कार्रवाई के दौरान पनडुब्बियों को उठाने में काफी बल एवं समय लगता है। इसके चलते पनडुब्बियों पर कार्यवाही के नाम पर अभी तक पनडुब्बियों में नाममात्र के लिए आग लगाकर कार्रवाई दर्शा दी जाती थी। लेकिन पहली बार पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में पनडुब्बियों को थाने लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई, ताकि पनडुब्बियां थानों में जप्त रहें और उनका कोई पुनः उपयोग ना कर सके। इस प्रकार की कार्यवाही से निश्चित रूप से रेत माफिया के हौसले पस्त होंगे।
घाटा दिखाकर खदान सरेंडर के नाम पर पॉवरमेक ने हासिल की मुख्यमंत्री की सहानुभूति
भिंड जिले में रेत उत्खनन का ठेका हैदराबाद की पावर मेक प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी ने बड़ी मात्रा में रेत का अवैध तरीके से उत्खनन स्थानीय लोगों से करवाया। कंपनी ने जो मैकेनिज्म अपनाया उसके अनुसार उत्खनन का ठेका स्थानीय लोगों को दे दिया, ताकि कंपनी पाक साफ बनी रहे और कोई भी कार्रवाई होने पर स्थानीय लोगों के ऊपर आरोप मढ़कर खुद को बचा लेती है। ऐसे में अब मांग उठने लगी है कि कार्यवाही सीधा पॉवरमेक कंपनी के ऊपर की जाना चाहिए क्योंकि अगर उसके कार्यकाल में अवैध उत्खनन हो रहा है तो सीधे तौर पर कंपनी को दोषी माना जाना चाहिए। क्योंकि कंपनी द्वारा हर जगह नाके लगाकर बाकायदा चेकिंग की जा रही है और रॉयल्टी भी वसूली जा रही है।