मध्य प्रदेश : अवैध खनन पर सदन में हंगामा
मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को फिर अवैध खनन का मुद्दा उठा। कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर माफिया को संरक्षण देने और अवैध खनन पर रोक लगाने में नाकामी का आरोप लगाया। सत्तापक्ष से खनिज साधन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और संसदीय कार्य मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने प्रतिपक्ष के आरोपों का जवाब दिया, पर हंगामा शांत नहीं हुआ। कांग्रेस सदस्यों ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील ने ग्वालियर-चंबल सहित अन्य संभागों में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा राजस्थान के पुलिस अधिकारी पत्र लिखकर मध्य प्रदेश में अवैध खनन की बात उठा रहे हैं। इंदौर में एक मंत्री अवैध खनन की गाड़ियों को छुड़ाकर ले गए।
खनिज मंत्री ने आरोपों को नकारते हुए कहा दोनों संभागों में 2,369 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसमें पनडुब्बी सहित अन्य वाहन जब्त हुए हैं। 2,010 प्रकरणों का निराकरण किया है। 382 एफआइआर कराई गई हैं। 56 मामलों में चालान भी प्रस्तुत किए जा चुके हैं। माफिया के खिलाफ सरकार प्रभावी कार्रवाई कर रही हैं। भिंड में चालीस प्रकरण बने हैं। इंदौर के प्रकरण के बारे में जानकारी नहीं है। जो वाहन अवैध गतिविधियों में पकड़े जाएंगे, उनके मालिकों के खिलाफ ही एफआइआर होती ह
बसपा से विधायक संजीव कुशवाह ने सरकार पर बड़े खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों के ट्रैक्टर राजसात कर लेते हैं पर बड़ी मशीनों को छोड़ दिया जाता है। उन्हें तो अवैध खनन करके रेत दी जाती है, पर खदान संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। भिंड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर खनन कंपनी के गुंडे बंदूकें लेकर खड़े हैं। इस दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कुछ कहने के लिए खड़े हुए तो डा. गोविंद सिंह ने उनसे इस्तीफा मांग लिया।