सीबीडीटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई में आनाकानी, चुनाव आयोग को भी नहीं दी जानकारी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट पर तीन आइपीएस सहित चार पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की जा रही है। सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट में इन अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन राज्य शासन आरोप-पत्र जैसी औपचारिकता पूरी कर रहा है। यह कार्रवाई की जगह मामले को लंबे समय तक उलझाए रखने की रणनीति है। उधर, चुनाव आयोग ने राज्य शासन से कार्रवाई का फालोअप देने को कहा था, लेकिन इस मामले में भी टालमटोल की जा रही है। कागजी खानापूर्ति से पुलिस अधिकारियों को राहत मिल रही है। वे पत्र के जवाब में पत्राचार कर रहे हैं। उनकी आगे भी इसी प्रकार की तैयारी है
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जब सीबीडीटी ने अपनी रिपोर्ट में इन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानते हुए इन पर कार्रवाई करने को कहा था तो राज्य शासन और ईओडब्ल्यू एक बार फिर इनकी भूमिका की पड़ताल कर रहा है। यह जांच की जांच करने जैसा मामला है। मालूम हो, लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबियों के यहां पड़े आयकर विभाग के छापों में जो दस्तावेज बरामद हुए थे, उनमें इन चारों पुलिस अधिकारियों के नाम के आगे करोड़ों स्र्पये के लेनदेन का जिक्र है। वहीं, छापों की जद में आए लोगों से मोबाइल फोन पर बात होने की जानकारी भी मिली है।