मध्य प्रदेश: किसानों की ऋण माफी योजना के प्रमाण पत्र बैंक ने कबाड़ी को बेचे, मचा हंगामा

विपक्ष अब सवाल यह उठा रहा है कि अगर सबके ऋण माफ हुए तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेवार कौन और यह एक्स्ट्रा है तो फिर जनता की कमाई के पैसों की बर्बादी क्यों की गई?

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में नहीं रहने के बावजूद भी सवालों के घेरे में घिरती हुई नजर आ रही है. उज्जैन के बड़नगर मार्ग पर एक कबाड़ी वाले को इंदौर के एक बैंक ने रद्दी बेची. यह रद्दी कोई आम कागज की रद्दी नहीं है, बल्कि एसीपी शीट पर बनी किसानो के ‘जय किसान फसल ऋण माफी’ योजना के मंहगे प्रमाण पत्रों की रद्दी है. जिसे 2018 में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने किसानो को बांटने के लिए छपवाया गया था. इस शीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ की तस्वीर भी है और बड़े शब्दो में लिखा है ‘किसान सम्मान पत्र’. इसी के ही साथ पत्र में नीचे पूर्व सीएम कमलनाथ के हस्ताक्षर भी हैं.

दरअसल इस रद्दी के सामने आने से इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार किसानो के ऋण माफी के नाम पर ही बनी थी और वादा किया गया था सबके ऋण 10 दिन में माफ किये जाएंगे. विपक्ष अब सवाल यह उठा रहा है कि अगर सबके ऋण माफ हुए तो रद्दी में पड़े इन महंगे प्रमाण पत्रों का जिम्मेवार कौन और यह एक्स्ट्रा है तो फिर जनता की कमाई के पैसों की बर्बादी क्यों की गई? वहीं बुधवार को कांग्रेस ने किसान ऋण माफी को लेकर विधानसभा में खूब हंगामा किया था.

किसानो के ऋण माफी के नाम पर बनी थी कमलनाथ सरकार

पूर्व में किसानों के नाम पर सरकार बनाने वाली कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों को बांटने के लिए महंगे एसीपी एल्युमिनियम शीट से बनाये गए लाखो रुपए के हजारों प्रमाण पत्र उज्जैन के बड़नगर रोड स्त्तिथ कबाड़ी की दुकान से मिले है. कबाड़ी वाले का कहना है उसने इंदौर की एक बैंक से इसे खरीदा है. वहीं अब इस मामले को लेकर कांग्रेस का कहना है कि योजना में प्रमाण पत्र ना बांटने के जिम्मेवार तत्कालीन आधिकरी हैं जिन्होने कार्य को ठीक से नहीं किया, अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस के प्रदेश सचिव कमल चौहान कह रहे है में निंदा करता हु और इसकी निष्पक्ष जांच की भी मांग करता हूं.

वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा की यह कमलनाथ ही बता पाएंगे कि यह सर्टिफिकेट कहां के हैं मिश्रा ने बाद में ये भी कहा कि आप कमलनाथ की सुनिए ना नरोत्तम की यह बताइए क्या किसी किसान का 2 लाख का कर्जा माफ हुआ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *